
उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ की दरकती दीवारें लोंगों के लिए बड़ा दुख बन गई। सबसे बड़ी मुश्किल उन लोंगो के लिए हो गई है जिन्होंने पाई पाई जोड़कर अपना आशियाना बसाया था। दरारें इतनी गहरी हो गई हैं जमीन से पानी निकलना शुरू हो चुका है। 678 ऐसे मकान हैं जिनको असुरक्षित घोषित कर दिया है गया है और 2 होटलों को भी असुरक्षित कर दिय गया है। स्थानीय लोंगो के लिए ये काफी पीड़ादायक है। इन 678 असुरक्षित मकानों को और 2 होटलों को बुलडोजर गिराने के लिए पहुंच चुका और थोड़ी देर में ये असुरक्षित मकान और होटल ढहा दिए जाएंगे। वहीं जोशीमठ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है और असुरक्षित घरों और होटल का मुयाना कर रही है। होटल के मालिकों ने विशेषज्ञों की टीम से बातचीत करते हुए कहा है कि बेशक दीवारों में दरारें आ रहीं हो लेकिन आपको पहले तोड़ने का नोटिस तो देना चाहिए था अगर होटल टूट गया तो उनको काफी नुकसान हो जाएगा।