
यूपी के बस्ती जनपद में इस समय बाढ़ से दर्जनों गांव में घुसने से वहां के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जैसे ही सरयू नदी का जलस्तर बढ़ता है बस्ती जनपद के दुबौलिया विकासखंड में स्थित कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासनिक अमला लगातार इन गांव में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और निगरानी कर रहा है। जिलाधिकारी बस्ती प्रियंका निरंजन खुद बाढ़ क्षेत्र में लगातार भ्रमणशील हैं और संबंधित अधिकारी 24 घंटे निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
गांव बिशुनदासपुर में चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है। लोग पानी में घुसकर अपने घरों में जा रहे हैं। वहीं घर से निकलकर अपने मवेशियों के साथ पॉलिथीन के नीचे बंधे पर निवास कर रहे हैं।
सुविखाबाबू गांव के छोटे-छोटे नव-निहालों को स्कूल जाने के लिए सुबह-शाम नाव का सहारा लेना पड़ता है। कोई भी जरूरत के सामान के लिए उन्हें 2 किलोमीटर तक नाव से चलकर बंधे तक आना पड़ता है। जहां तक नजर जाती है चारों तरफ पानी ही पानी है, केवल एक टापू की तरह गांव दिखाई देता है। जहां की संपूर्ण आबादी इस समय बाढ़ से ग्रस्त है।
विशुनदासपुर गांव हो या सुविखाबाबू इन दोनों गांव के निवासियों को पिछले कई वर्षों से इस मौसम में बाढ़ का कहर झेलना पड़ता है। यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन इन ग्रामीणों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर पा रही है जिससे इनको ऐसी समस्याओं से निजात दिला सके। बाढ़ जब आती है तो इनको थोड़ी सी खाने-पीने के समान और जरूरत की दवाइयों को देकर इतिश्री कर लेता है। बाढ़ खत्म होते ही चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या चाहे यहां के प्रशासनिक अमला हो कभी कोई इस गांव में पलट कर नहीं आता है। ऐसे में यहां की समस्या जस की तस बनी रहती है। यहां के लोगों का कहना है कि हम भगवान भरोसे रह रहे हैं। कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार भी कोई समुचित समाधान इन मैरूंड गांवों के लिए किया जाएगा या अगले साल फिर इन ग्रामीणों को ऐसे ही बाढ़ का सामना करना होगा।
(बस्ती से पवन वर्मा की रिपोर्ट)