
राजोरी जिले के नारला क्षेत्र में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दूसरे दिन बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक और पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया। अब तक दो आतंकी मारे जा चुके हैं। दोनों से बड़ी मात्रा में गोला बारूद, दो एके राइफल, खाने-पीने का सामान और अन्य युद्धक सामग्री बरामद हुई है। मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी बलिदान हुआ है। जबकि सेना की मादा लैब्राडोर केंट ने भी सर्वोच्च बलिदान दिया। बलिदारराइफल मैन रवि कुमार को स्थानीय सैन्य मुख्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। वह किश्तवाड़ के रहने वाले थे। इसके साथ ही मादा लैब्राडोर केंट को भी श्रद्धांजलि दी गई।
दिसंबर में थी शादी
राजोरी में मंगलवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद किश्तवाड़ के राइफलमैन रवि कुमार की दिसंबर में शादी थी। घर में तैयारियां चल रही थीं। शहादत की खबर से अब हर आंख नम है। वहीं, बुधवार को मौसम खराब होने के कारण शहीद का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया।
इस कारण पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंच पाया। इसके बाद सेना सड़क मार्ग से रवाना हुई। वीरवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। किश्तवाड़ की पंचायत त्रिगाम के गांव वसनोति कालीगढ़ निवासी रवि कुमार सेना की 63 आरआर में तैनात थे। 22 फरवरी 1997 को जन्मे रवि कुमार 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि रवि छुट्टी काटकर 28 अगस्त को राजोरी ड्यूटी पर लौटा था। 29 अगस्त को ज्वॉनिंग डाली थी। किसे पता था कि बेटा आखिरी बार छुट्टी पर आया था। अब तिरंगे में लिपटा घर आएगा। नम आंखों से कहा कि बेटे के विवाह की तैयारी कर रहे थे। अब अंतिम विदाई की कर रहे हैं। कहा कि रवि बचपन से ही होनहार था। अकसर सेना में भर्ती होकर देश सेवा की बात करता था। उसके जाने का दुख है, लेकिन गर्व भी हो रहा है कि बेटा देश के काम आया है। शहीद के दोस्तों का कहना था कि रवि ईमानदार और सूझबूझ वाला इंसान था।