
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल, मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक शहीद हो गए। जबकि दो जवान लापता हैं। सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेर रखा है। तलाशी अभियान जारी है। तीनों बलिदानियों की पहचान सेना मेडल पदक विजेता कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट के रूप में हुई है। तीनों मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिसके बाद में उनकी मृत्यु हो गई। हमले की जिम्मेदारी लश्कर फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
रात में अभियान रोकने के बाद बुधवार सुबह आतंकियों की फिर से तलाश शुरू की गई। इस दौरान दहशतगर्दी के एक ठिकाने पर मौजूद होने की सूचना मिली। 19 आरआर के सीओ कर्नल मनप्रीत ने टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया। आतंकियों की फायरिंग में कर्नल, मेजर और डीएसपी गंभीर घायल हो गए। तीनों को श्रीनगर स्थित सेना के अस्पताल एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उधर, आतंकियों का पता लगाने और घायल जवानों को निकालने के लिए सेना के तीन चीता हेलिकॉप्टरों को भी लगाया गया। पुलिस लाइन में बलिदानी डीएसपी को श्रद्धांजलि दी गई। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, डीजीपी दिलबाग सिंह तथा डीएसपी के पिता सेवानिवृत्त आईजी गुलाम हसन भट तथा अन्य अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। देर रात हुमायूं को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
सम्मान के साथ आखरी विदाई
इससे पहले, हुमायूं भट श्रीनगर के जिला पुलिस लाइन में पूरे सम्मान के साथ आखरी विदाई दी गई। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान पूर्व आईजीपी गुलाम हस्सान भट ने भी अपने शहीद बेटे डीएसपी हुमायूं भट के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उसे श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वहां से पार्थिव शरीर को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र हुमहामा की फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित आवास पर ले जाया गया जहां उसके पार्थिव शरीर पहुंचने पर चीख पुकार मच गई। डीजीपी दिलबाग सिंह, एडीजीपे विजय कुमार, डीआईजी सीकेआर सुजीत कुमार शहीद के घर पर मौजूद रहे।