Madhya Pradesh

उपचार के साथ सुरक्षा, सम्मान और करुणा स्वास्थ्य व्यवस्था की बुनियाद : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल

Madhya Pradesh : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने जिला चिकित्सालय छतरपुर में 77 वर्षीय उद्धवलाल जोशी एवं उनकी पत्नी के साथ हुई घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर त्वरित एवं कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि छतरपुर जिला चिकित्सालय में बुजुर्ग दंपत्ति के साथ हुई अमानवीय घटना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार मरीजों के साथ संवेदनशील सम्मानजनक और गरिमामय व्यवहार को स्वास्थ्य सेवाओं की प्राथमिक शर्त मानती है। इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मामले में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उक्त के अनुक्रम में दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक नागरिक को चिकित्सा संस्थानों में बिना भेदभाव भय या अपमान के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। अस्पतालों को सेवा सहानुभूति और संवेदना के केंद्र के रूप में कार्य करना चाहिए। सभी स्वास्थ्यकर्मियों से अपेक्षा है कि वे मरीजों के साथ मानवीय मूल्यों के अनुरूप व्यवहार करें। हम ऐसे वातावरण का निर्माण कर रहे हैं जहाँ मरीजों को सुरक्षा सम्मान और करुणा मिले यही हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की बुनियाद है।

अभद्रता एवं दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ

उल्लेखनीय है कि 17 अप्रैल 2025 को जिला चिकित्सालय छतरपुर में 77 वर्षीय उद्धवलाल जोशी एवं उनकी पत्नी के साथ अभद्रता एवं दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है। इस घटना की जांच तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई जिसमें संविदा स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार मिश्रा द्वारा बुजुर्ग को अस्पताल परिसर में घसीटने एवं दुर्व्यवहार करना प्रमाणित पाया गया। डॉ. मिश्रा का आचरण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मानव संसाधन मैनुअल 2025 के प्रावधानों के विपरीत पाया गया जिस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने उनका संविदा अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।

सेवाओं से तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया गया

साथ ही उक्त प्रकरण में लिप्त रेडक्रॉस कर्मी राघवेन्द्र खरे को भी दोषी पाया गया। उनके प्रतिउत्तर असंतोषजनक पाए जाने के कारण उन्हें भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी छतरपुर की सेवाओं से तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया गया है। प्रकरण में जिला चिकित्सालय में कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं अधीनस्थों पर नियंत्रण न रखने के कारण डॉ. जी.एल. अहिरवार, प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, छतरपुर को म.प्र. सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बालाघाट निर्धारित किया गया है।

ये भी पढ़ें: कर्नाटक के पूर्व DGP की हत्या, पत्नी पर आरोप, पुलिस जांच में जुटी

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button