Uttarakhand

Uttarakhand: सुरंग में 70 घंटे से फंसे 40 लोगों को बचाने की राह पर नई कवायद अमेरिकी ड्रिल मशीन लाई गई

12 नवंबर की सुबह 4 बजे उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन टनल धंस गया था। पिछले सौ घंटे से चालीस कर्मचारी इसमें फंसे हुए हैं। यह टनल चारधाम प्रोजेक्ट के तहत सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बनाई जा रही है।

बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में फंसे हुए कर्मचारी हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से अधिक लोगों की टीम हर दिन काम करती है।

14 नवंबर को, बचाव टीम ने कर्मचारियों को निकालने का कार्य स्टील पाइप से शुरू किया। इसके लिए, हाइड्रोलिक जैक और ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद से 35 इंच का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई। इसके बावजूद, यह सफल नहीं हुआ।

रेस्क्यू ऑपरेशन को देख रहे PMO ने बाद में सेना को इसमें शामिल किया। बुधवार को दिल्ली से सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस हैवी ऑगर मशीन लेकर चिन्यालीसौर हैलीपेड पहुंचा। यहीं से मशीन सिलक्यारा लाया गया था।

25 टन की हैवी ड्रिलिंग मशीन, ‘अमेरिकन ऑगर्स’ के बारे में NHIDCL के डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो ने बताया, इस मशीन को असेंबल करने में चार से पांच घंटे लगते हैं। मशीन प्रति घंटे पांच से छह मीटर तक ड्रिल करती है। अनुमान के मुताबिक, मलबे को पूरी तरह से ड्रिल करने में 10 से 12 घंटे लग सकते हैं। हालांकि यह अंदर की परिस्थितियों पर भी डिपेंड करेगा।

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