Uttarakhand

 Uttarakhand: मौत के साये में स्कूली बच्चें, प्रशासन है मौन

Uttarakhand: प्रदेश का शिक्षा महकमा नौ निहाल बच्चों के प्रति कितना सजग और गंभीर यह देखने को मिल रहा है। गंगोलीहाट तहसील मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर प्राथमिक विद्यालय अनरगांव में जहां पर बच्चें मौत के साये में पढने को मजबूर है।

गंगोलीहाट का राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनरगांव के प्राथमिक विद्यालय को देखकर पांच वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग बेरीनाग के द्वारा फिजूल घोषित कर दिया था। लेकिन उसके बाद भी आज तक इसी भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर है। इस स्कूल की हालात को देखकर अभिभावकों यहां पर बच्चों को भेजना बंद कर दिया। अभी यहां पर 6 बच्चे है जो पढने को आते हैं।

शिक्षा महकमे ने तो इस विद्यालय की तरफ आंखें ही मूदं दी है लगता है यहां पर स्थाई शिक्षक तक नियुक्ति नही है। आसपास के स्कूलों से यहां पर व्यवस्था करके शिक्षक को यहां पर पढाने के लिए भेजते हैं। लेकिन यहां पर बारिश के मौसम में कोई स्थान ऐसा नहीं जहां पर छत टपकती नही हो। बरसात में बच्चों से लेकर शिक्षक छाता लेकर यहां पर पहुंचते हैं लेकिन पढ़ाई के साथ हमेशा यहां डर भी सत्ता रहता है कब क्या हो जाय। अभिभावकों शिक्षा महकमे की इस गैर जिम्मेदारपन पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।

पिछले वर्ष चम्पावत में स्कूल में शौचालय ध्वस्त होने से एक बच्चे की मौत के बाद प्रदेश सरकार सभी क्षतिग्रस्त भवनों और शौचालय को ध्वस्त करने के आदेश दिये थे। शायद वह आदेश यहां पर लागू नही होता हो। या यहां पर बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है यदि समय रहते यहां पर बच्चो सुरक्षित जगह पर शिप्ट नही किया गया तो कभी बड़ा हादसा यहां पर हो सकता है।

रिपोर्ट-प्रदीप महरा

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