Wrestlers Protest: एक बार फिर बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवान, कहा- जल्द से जल्द हो FIR

कुश्ती खिलाड़ी फिर बैठे धरने पर.

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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ एक बार फिर देश के दिग्गज पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है। बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) जैसे दिग्गज खिलाड़ी सहित कुछ और पहलवान जंतर-मंतर पर धरना देने दे रहे हैं। इससे पहले इन सभी पहलवानों ने जनवरी में भूषण के खिलाफ धरना दिया था।

इन पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है। इस संबंध में भारतीय ओलिंपिक संघ (Indian Olympic Association) और खेल मंत्रालय (Sports ministry) ने जांच समितियां बनाई थीं लेकिन विनेश ने इन समितियों से नाराजगी जाहिर की थी। अब एक बार फिर ये सभी पहलवान धरने के मूड में आ गए हैं।

इसलिए बैठे धरने पर

ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कहा है कि वह लोग धरने पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि इस मामले में जो किया जाना था वो किया नहीं गया है। उन्होंने कहा है कि ये लोग देश में कुश्ती को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। ये खिलाड़ी चाहते हैं कि बृजभूषण के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है और इसी कारण ये लोग दोबारा अपने विरोध दर्ज करा रहे हैं।

जनवरी में इन लोगों की शिकायक के बाद खेल मंत्रालय ने दिग्गज मुक्केबाज मैरीकॉम (Mary kom) की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी का गठन किया था। यही समिति महासंघ के रोजमर्रा के कामकाज को देख रही है।

चाहतें हैं जल्द कार्रवाई

साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह चाहते हैं कि मामले में जल्द से जल्द FIR दर्ज हो। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। साक्षी ने कहा है कि मामले को ढाई महीने हो गए हैं लेकिन कुछ हुआ नहीं हैं। वहीं विनेश ने कहा है कि उनको न्याय चाहिए। पहलवानों ने कहा कि तीन महीनों से वह समय मांग रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि दो दिन पहले कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सात लड़कियों ने FIR की है जिसमें से एक लड़की माइनर है और पॉस्को के अंडर में आती है। उन्होंने कहा कि ढाई महीने बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें वापस धरने पर बैठना पड़ा।

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