विपक्ष क्यों ला रहा अविश्वास प्रस्ताव, कितना एकजुट है I.N.D.I.A?

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लोकसभा में मंगलवार से अगले तीन दिनों तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। मणिपुर हिंसा पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हमलावर पक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करता रहा है। जब वह सदन में मणिपुर पर पीएम की चुप्पी तोड़ने में नाकाम रहा तो उसने अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लिया, ताकि सदन में पीएम को जवाब देने के लिए बाध्य किया जाए। विपक्ष जानता है कि सदन में संख्या बल उसके पक्ष में नहीं है, बावजूद इसके वह प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरना चाहता है।

बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह देखना अहम रहेगा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ कितनी एकजुटता के साथ मोदी सरकार पर हमला बोलता है। विपक्षी एकजुटता की कवायद और इंडिया के अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार उनमें मतभेदों और दरारों की खबरें आती रही हैं। ये खबरें शरद पवार को लेकर हों, या फिर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी को लेकर अथवा कांग्रेस और आप के बीच आपसी रस्साकशी से जुड़ी, इन सबके जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि इंडिया बन तो गया, लेकिन एकता की कमी है।

ऐसे में अगर प्रस्ताव पर सदन में तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर एक सुर में सरकार को घेरते हैं और मणिपुर पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं तो यह कहीं ना कहीं विपक्षी दलों की मजबूत एकजुटता की तस्वीर होगी।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह देखना अहम रहेगा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ कितनी तालमेल और समन्वय के साथ मोदी सरकार पर हमला बोलता है। गौरतलब है कि विपक्षी एकजुटता की कवायद और इंडिया के अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार उनमें मतभेदों और दरारों की खबरें आती रही हैं। ये खबरें शरद पवार को लेकर हों, या फिर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी को लेकर अथवा कांग्रेस और आप के बीच आपसी रस्साकशी से जुड़ी, इन सबके जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि इंडिया बन तो गया, लेकिन एकता की कमी है। ऐसे में अगर प्रस्ताव पर सदन में तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर एक सुर में सरकार को घेरते हैं और मणिपुर पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं तो यह कहीं ना कहीं विपक्षी दलों की मजबूत एकजुटता की तस्वीर होगी।

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