
पूरे देश में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हर घर तिरंगा फहराने की तैयारी भी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इस खास मौके पर देश की ऐतिहासिक इमारतों को तिरंगे की रोशनी से सजाने का फैसला किया है। लेकिन ताजमहल अंधेरे में डूबा हुआ है। न ही ताजमहल को सजाया गया है और न ही वहां तिरंगे की रोशनी का इंतजाम है। ऐसा करने की वजह क्या है
देश की ऐतिहासिक इमारतों को तिरंगे की रोशनी से सजाने का फैसला किया है… लेकिन ताजमहल के मामले में यह नियम लागू नहीं होता। जानिए इन सवालों के जवाब
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताजमहल को 77 साल पहले रोशन किया जाता था। दरअसल 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी फौज के जवानों ने ताज में वीई डे मतलब (जर्मन सैनिकों ने मित्र देशों की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया इसलिए ने उस दिन कोवाई-डे के रूप में मनाया )। उस दौरान ताज महल को रोशन किया गया था।

इसके बाद 1997 ताजमहल में विश्व प्रसिद्ध यूनानी संगीतकार यान्नी ने म्यूजिक शो किया था। उस दौरान ताज को रोशन किया गया था। उस दौर में इस इमारत पर रंगीन लाइटिंग की तस्वीरों ने दुनिया भर में ऐसा जादू चलाया कि उसके बाद से ही ताज पर विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई।
म्यूजिक शो के अगले दिन बड़ी संख्या में ताजमहल और उसे चारों ओर कीट पतंगे मरे हुए पाए गए। 1997 से ही ताजमहल को जगमगाने पर प्रतिबंध है, जो अभी भी बदस्तूर जारी है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम ने यह तय किया गया है रात में ताजमहल को रोशन नहीं किया जाएगा।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 5 अगस्त से 15 अगस्त तक ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सभी क्षेत्रीय निदेशकों को निर्देश जारी किया। इसमें आगरा के ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा सहित अन्य स्मारक शामिल हैं।