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बारिश, बाढ़ और तबाही: पानी-पानी उत्तर भारत, पहाड़ों से मैदानों तक बहता पानी

नई दिल्ली: कहते हैं जल ही जीवन है या फिर जल है तो कल है। मगर पानी जब अपना विकराल रूप अख्तियार करता है तो अपने साथ लाता है विनाश और तबाही का मंजर। ठीक उसी तरह जैसे आज पहाड़ों से लेकर मैदानों तक हर तरफ पानी का शोर सुनाई दे रहा है। भारी बारिश की वजह से पहाड़ों से पत्थर टूट-टूटकर रास्तों पर गिर रहे हैं जिसके कारण यातायात बाधित होने के साथ ही लोगों का संपर्क भी नीचे रहने वालों से टूट रहा है।

बाढ़ (Floods) का मंजर चारों ओर दिखाई दे रहा है। पहाड़ दरक रहै हैं। उत्तराखंड की सभी नदियां अपने जल स्तर से उपर बह रहीं हैं। जहां बाढ़ नदियाों में उफान आने से उन पर बनीं सड़कें और पुल भी बह गये हैं, तो लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है।

वहीं देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। आईएमडी ने अपनी ताजा अपडेट में कहा, “राजधानी और एनसीआर में आज यानी मंगलवार को भी बरसात हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में अगले 4 दिनों तक बारिश की आशंका है, हालांकि इस बार बारिश भारी (Heavy Rains) नहीं होगी लेकिन जोरदार जरूर होगी। अनुमान के मुताबिक 7 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश और 7-8 सितंबर को मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

पहाड़ो, मैदानों में जिंदगी छीनता पानी

बारिश के पानी ने पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी राज्य चाहे वो उत्तर प्रदेश हो या बिहार, सभी जगह पानी का ऐसा मंजर दिखाई देता है कि जहां तक नजर जाती है वहां तक केवल पानी ही पानी दिखाई देता है। लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की ऐसी कहानी, यहां के लोगों की आखों में दिखाई देती है। जिन्हें अपना घर छोड़ पलायन करना पड़ रहा है। यहां के खेतों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है कहीं लोगों ने अपने आशियाने खो दिए हैं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यंमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हैलिकॉप्टर और नाव के द्वारा निरीक्षण किया और लोगों को राहत उप्लब्ध कराई। साथ ही लोगों की हर प्रकार से साहयता की जा रही है। NDRF और SDRF की टीमें राहत बचाब कार्य में लगीं हैं।

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