
Wakf Board Notice in Fhatua : बिहार की राजधानी पटना के पास स्थित फ़तुआ निवासियों के चेहरे उतरे हुए हैं. गांव वालों के हलक से निवाला तक अंदर नहीं जा रहा है. वो बार-बार अपने मकान की ओर देखते हैं और फिर मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वर्षों से बसा उनका आशियाना न उजड़े. इन गावों वालों की इस उदासी की वजह से सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से जारी किया गया नोटिस है. दरअसल इस नोटिस में कहा गया कि वहां की अधिकांश जमीन वक्फ बोर्ड की है और इस जमीन को एक माह के अंदर खाली कर दिया जाए.
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया दावा
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जारी राजनीति के बीच बिहार की राजधानी पटना से बड़ी ख़बर सामने आई है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पटना के फ़तुआ गांव पर अपना दावा ठोक दिया है. वक्फ बोर्ड की ओर से ग्रामीणों को गांव खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गांव खाली करने का नोटिस मिलने के बाद से गांव वाले काफी परेशान हैं.
गांव में लगभग 95 फीसदी हिंदू आबादी
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लगभग 95 फीसदी हिंदू आबादी रहती है. यहां वह कई पीढ़ियों से रह रहे हैं और जमीन के कागजात भी उनके नाम हैं. इसके बाद भी अचानक से वक्फ बोर्ड ने हमारी जमीन पर अपना दावा कर दिया है.
राजधानी पटना के पास फ़तुआ के गोविंदपुर गांव में वक्फ बोर्ड ने लोगों को नोटिस भेजा, जिससे हड़कंप मच गया। वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह जमीन उनकी है और लोगों को 30 दिनों में जमीन खाली करनी होगी।
परेशान लोग कोर्ट पहुंचे
इसी बीच जब परेशान लोग कोर्ट पहुंचे तो वहां कुछ ऐसा हुआ जिससे वक्फ बोर्ड के दावों पर सवाल उठ गए। बताया गया कि अभी तक वक्फ बोर्ड की ओर से कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने भी वक्फ बोर्ड में संशोधन करने के लिए एक विधेयक प्रस्तुत किया था जो कि फिलहाल जेपीसी को सौंप दिया गया है. ऐसे में फ़तुआ का यह मामला भी अब तूल पकड़ रहा है.
‘गांव वालों को डरने की जरूरत नहीं’
मामले में जदयू के वरिष्ठ नेता संतोष कुशवाहा ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है और अतिक्रमण की जो जमीन है उसे पर भी काम चल रहा है. अगर वह जमीन गांव वालों की है और उनके पास कागजात हैं तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. नीतीश सरकार हर किसी के साथ न्याय के लिए प्रतिबद्ध है.
‘सरकार भी लोगों के साथ न्याय करेगी’
बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास काफी जमीन है. जैसी मुझे जानकारी है तो रेलवे और सेना के पास भी इतनी जमीन नहीं है जितनी वक्फ बोर्ड के पास है. इसी के चलते केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर एक बिल पेश किया था. जिससे इसका लाभ समाज के दबे कुचले लोगों को मिले. उनके जीवन में बेहतरी आए. जब उसमें कमियां नजर आईं तो उसमें संशोधन के बारे में विचार किया गया.
उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग पर इसे जेपीसी को सौंपा गया. सरकार चाहती है मुस्लिम समाज के गरीब तबके के लोगों को इसका फायदा मिले. वहीं फतुआ वाले मुद्दे पर बोले कि मामला कोर्ट में है. सरकार भी लोगों के साथ न्याय करेगी. मुझे विश्वास है कि जो लोग लंबे समय से बसे हुए हैं सरकार उन्हें न्याय दिलाएगी. उनका अधिकार उस जगह पर है. सरकार सही गलत को ध्यान में रखते हुए अग्रिम कार्रवाई करेगी.
‘सरकार लगातार इसको देख रही’
उन्होंने कहा कि वक्त बोर्ड की जमीन को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने जो बिल लाया था उसके बाद सरकार की कोशिश यही है कि गरीब और जो निचले तबके के लोग हैं उन्हें भी इसका लाभ मिले और ऐसे में कुछ लोगों को जरूर दिक्कत हो रही है लेकिन लेकिन सरकार लगातार इसको देख रही हैl
‘इनका काम ही है समाज में विषाक्त फैलाना’
वक्फ बोर्ड मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुनील सेवक ने कहा कि इनका काम ही है समाज में विषाक्त फैलाना है मोदी सरकार ने इसमें कहीं न कहीं बिल लाकर इसे बेहतर करने की कोशिश की लेकिन जिस तरह से फ़तुआ का मामला है उसमें उनकी कहीं कोई जमीन नहीं है और ऐसे में सिर्फ एक प्रोपेगेंडा फैलाना चाहते हैंl
रिपोर्टः संजीव राय, ब्यूरोचीफ, बिहार
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