Uttarakhand: कठोर निर्णय और स्वच्छ छवि ने बनाई सीएम धामी की अलग पहचान, यूसीसी-धर्मांतरण कानून बड़ा उदाहरण

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Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर शनिवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर “धामी सरकार के दो साल” ट्रेंड होने लगा। उत्तराखंड की जनता के साथ ही अन्य राज्य के लोग भी मुख्यमंत्री को दो साल पूरा होने पर शुभकामनाएं देते और उनके कामों की तारीफ करते नजर आए।

कई लोगों ने सीएम धामी की तारीफ करते हुए लिखा कि सीएम धामी ने जनता से जो वादे किए थे वो पूरे हो रहे हैं। उत्तराखंड में यूसीसी, धर्मांतरण कानून और नकल विरोधी कानून इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

पीएम मोदी के पसंदीदा हैं सीएम धामी

आज से 2 साल पहले 23 मार्च को सीएम धामी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पीएम मोदी के पसंदीदा मुख्यमंत्रियों में से एक माने जाने वाले सीएम धामी के नेतृत्व में भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश मिला था, हालांकि वह अपनी सीट हार गए थे, बावजूद पीएम मोदी ने दुबारा उन्हीं पर अपना भरोसा जताया और प्रदेश के सत्ता की कमान सौंपी। बाद में चंपावत के उपचुनाव में सीएम धामी बहुत बड़े मत अंतर से विजयी हुए। इस बार लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी यह मान कर चल रही है कि सीएम धामी के नेतृत्व में पार्टी प्रत्येक लोकसभा में 2019 से भी अधिक वोट हासिल करेगी।

जनता की हर कसौटी पर खरे उतरे सीएम धामी

समान नागरिक संहिता को लेकर जनता से किए वादे को निभाते हुए सीएम धामी UCC कानून लेकर आए, इस कानून को लाने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बन चुका है। इसे सीएम धामी पर केंद्रीय नेतृत्व का मजबूत भरोसा भी कहा जा सकता है जो उन्होंने इस विषय के लिए उत्तराखण्ड को चुना।

इन दो वर्षों में धामी सरकार ने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और बेरोजगारों, महिलाओं और देवभूमि के हित में कठोर निर्णय भी लिए। राज्य में नकल विरोधी कानून लाना हो, महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करना हो और जोशीमठ भू-धंसाव, सिलक्यारा टनल हादसे के समय भी धामी ग्राउंड जीरो पर नजर आए।

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