Uttarakhand Chunav: करोड़पति, अपराधी और महिला प्रत्याशियों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

Share

उत्तराखंड के तमाम सियासी दलों ने महिलाओं को इस बार के चुनाव में ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया है. लेकिन महिला उम्मीदवारों के साथ करोड़पति और अपराधी छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 2022 में आपराधिक मामलों वाले और करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. 

उत्तराखंड के चुनाव में लखपतियों की तो भरमार है ही, करोड़पति भी कम नहीं हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करोड़पतियों की संख्या में पिछले चुनाव के मुकाबले 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2022 के चुनावों में 40 प्रतिशत (626 में से 252) उम्मीदवार करोड़पति हैं. 2017 के चुनावों में यह संख्या 30 प्रतिशत (637 उम्मीदवारों में से 200) थी. 

उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है उसके मुताबिक चुनाव मैदान में करीब 40 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. ADR रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करीब 45 फीसदी (626 में से 283) उम्मीदवारों के पास 50 लाख रुपये से कम की संपत्ति है. इसके बाद 176 उम्मीदवार ऐसे हैं जो 50 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये वाले वर्ग के अंतर्गत आते हैं. इतना ही नहीं, 69 उम्मीदवारों ने बताया है कि उनकी संपत्ति 5 करोड़ रुपये से अधिक की है.

दोनों राष्ट्रीय दलों बीजेपी और कांग्रेस के पास 80 प्रतिशत से अधिक करोड़पति उम्मीदवार हैं. ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि आप के करीब आधे उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि बसपा और यूकेडी के तीन उम्मीदवारों में से एक-एक करोड़पति है. 

अब ऐसे उम्मीदवारों की बात करें जो आपराधिक मामलों में फंसे हुए हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में, लगभग 14 प्रतिशत (637 में से 91) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी. इस बार के विधानसभा चुनावों में आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या बढ़कर 17 प्रतिशत (626 में से 107) हो गई है. 

आपराधिक मामलों वाले 107 उम्मीदवारों में से 61 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए. गंभीर आपराधिक मामलों में ऐसे अपराध शामिल होते हैं जिनमें अधिकतम पांच साल या उससे अधिक की सजा होती है और ऐसे अपराध जो गैर-जमानती हैं. पिछले चुनाव में ये संख्या 54 थी जो अब 61 तक पहुंच गई है.

उत्तराखंड में कांग्रेस ने सबसे अधिक (23) उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) का नम्बर आता है जिसके 15 उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं. फिर भाजपा के 13 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनका अतीत भी दागदार रहा है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी आपराधिक मामलों वाले 10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. ADR के आंकड़े कहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पास आपराधिक छवि वाले सबसे कम 7 उम्मीदवार हैं. 

इतना ही नहीं , चुनावी मैदान में तो 6 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनपर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं. इनमें एक के खिलाफ बलात्कार का मामला भी है. चार उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या या हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं. 

अब जहाँ तक महिला उम्मीदवारों की बात है तो इस मामले में क्षेत्रीय दल यूकेडी अव्वल है. यूकेडी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का सबसे ज्यादा हिस्सा (14 फीसदी) महिलाओं को दिया है. यह किसी भी अन्य दल से अधिक है. पार्टी ने 6 महिला और 36 पुरुष उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2017 के चुनावों में महिला उम्मीदवारों का प्रतिशत 9 प्रतिशत (637 में से 56) था जो 2022 के विधानसभा चुनावों में बढ़कर 10 प्रतिशत (626 में से 62) हो गया है.

राज्य में बीजेपी और सपा ने 11 फीसदी टिकट महिलाओं को दिया है. बीजेपी के 62 पुरुष और 7 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं , जबकि सपा के 47 पुरुष और 6 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. आप ने कुल 10 फीसदी महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जबकि यूपी में महिला एजेंडे पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस महज 7 फीसदी महिला उम्मीदवारों के साथ पीछे चल रही हैं.

पंकज चौधरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *