UP: दिवाली पर घर में मातम का माहौल, दिल्ली से गोरखपुर जा रहे युवक की रास्ते में हुई मौत

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में रहने वाले एक युवक की दिल्ली से गोरखपुर जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। मृत्यु की वजह अचानक तबियत बिगड़ने से बताई जा रही है। परिवार में मृतक की पत्नी और 3 बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। पड़ोसियों ने घटना की पूरी जानकारी दी…
दिवाली पर शोक का माहौल
लोगों को दिवाली का हर साल बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। अपने घर से दूर रह कर काम कर रहे लोग त्योहारों पर अपने घर जाने के लिए बेहद उत्साहित होते हैं और उनसे भी ज्यादा उत्साहित होते हैं उनके परिवार वाले। लेकिन क्या हो अगर पता चले की जिससे आप मिलना चाहते हैं वह घर पहुंचने से पहले ही आपको हमेशा के लिए छोड़कर चला गया हो, क्या होगा उस परिवार का जिनके घर की दिवाली की खुशी मातम में बदल गई हो।
परिवार में कौन-कौन है
गौरतलब है की उत्तर प्रदेश में आए दिन किसी न किसी घटना की जानकारी मिलती ही रहती है इसी क्रम में यूपी के कुशीनगर जिले के शौरहां बुजुर्ग गांव में रहने वाले एक परिवार की दिवाली की खुशी मातम में बदल गई। परिवार में पत्नि(40), दो बेटे(11 और 15) और एक बेटी(17)हैं। बताया जा रहा है की पत्नी का स्वास्थ भी सही नहीं रहता है। ऐसे में बच्चों को जब इस बात की जानकारी मिली की उनके पिता की मृत्यु हो गई है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
जानिए मौत की वजह
दरअसल, शौरहां ग्राम निवासी रामाशीष तिवारी अपने परिवार से दूर राजधानी दिल्ली में रह कर काम करता था और अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का स्वास्थ कुछ दिनों से खराब स्थिति में था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से दिवाली के अवसर पर उसने अपने घर आकर इलाज कराने का प्लान बनाया और दिल्ली से गोरखपुर के लिए 11 नवंबर को बस में सवार होकर निकल गया। लेकिन शायद भगवान ने परिवार वालों से मिलने की अनुमति नहीं दी क्योंकि उसकी तबियत रास्ते में ही बिगड़ गई। बस के ड्राइवर ने उसे बस से उतार कर सड़क पर लेटा दिया और उनके परिवारजन को सूचित कर दिया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
जानकारी मिलते ही रिश्तेदार उस पते पर पहुंचे और इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे लेकिन उसने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मौत की जानकारी मिलने के बाद परिवार में शोक का माहौल बना हुआ है। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है वो किसी से कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। फिल्हाल पड़ोसी उनको सहारा दे रहे हैं और बच्चों को बहला-फूसलाकर चुप करा रहे हैं।