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Kolkata Metro: अंडर वाटर मेट्रो टनल बनाने में ये था चैलेंज, जानें

Kolkata Metro: अंडर वाटर मेट्रो टनल बनाने में ये था चैलेंज,

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Kolkata Metro: कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो देश की पहली अंडर वाटर मेट्रो है, जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस अंडरवाटर मेट्रो के टनल बनाने में काफी मुश्किलें आई, क्योंकि देश में अब तक सभी मेट्रो जमीन के नीचे बनी थी, लेकिन कोलकाता में बनने वाला अंडरवाटर मेट्रो नदी के नीचे थी. जिसके कारण टनल बनाते वक्त थोड़ी भी देर के लिए मशीनें बंद नहीं हुई थी.

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पानी के अंदर बनानी थी टनल

कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो के निर्माण के समय इंजीनियरों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि उन्हें पानी के भीतर टनल बनानी थी, टलन बनाने के लिए इंजीनियरों को ऐसी मशीनों की आवश्यकता थी कि जो ऊपर से पड़ने वाले पानी के दवाब को सहन कर सके और निर्माण के दौरान पानी आने से रोक सके.

मेट्रो की डिजाइनिंग और प्लानिंग में लगे इतने दिन

बता दें कि कोलकाता अंडरवाटर के निर्माण शुरू करने से पहले कोलकाता मेट्रो रेल कॉपोरेशन ने 13 से अधिक देशों में स्टडी की थी. ये सभी देश अंडर वाटर तकनीक में एक्सपर्ट हैं. जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, कनाडा, थाईलैंड, सिंगापुर, हांगकांग, बैंकाक शामिल हैं. वहीं मेट्रो की डिजाइनिंग और प्लानिंग में 360 दिनों का समय लगा.

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66 दिन तक लगातार काम करते रहे कर्मचारी

बता दें कि कोलकाता मेट्रो के टनल के निर्माण की शुरूआत होने के बाद एक भी दिन बंद नहीं हुआ. तीन शिफ्टों में करीब 1500 कर्मचारियों द्वारा टनल का निर्माण किया गया. शिफ्ट भी हैंड टू हैंड चेंज होती थी, यानी मशीन में जब दूसरा इंजीनियर या कर्मचारी बैठ जाता था, तभी पहला हटता था.

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