तालिबान ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर फेरा पानी, तालिबानी प्रवक्ता ने कहा- अपने मसले खुद सुलझाए पाकिस्तान

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के भावी सरकार के गठन की तारीख अभी तक सामने नही आई है। जानकारों का मानना है कि अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने के बाद तालिबान जल्द ही राष्ट्रपति की घोषणा कर सकता है। तालिबान ने अमेरिका से 30 अगस्त तक सेना को वापस लिए जाने को लेकर चेतावनी दी थी।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को लेकर सारी दुनिया खिलाफ है। कई देश कह चुके हैं कि वो तालिबान सरकार को मान्यता नही देंगे। लेकिन कुछ देशों ने तालिबान को बेहतर शासन चलाने और कथित आजादी के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं। इन देशों की गिनती में हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान भी आता है।
बता दें पाकिस्तान ने तालिबान की पिछली सरकार में भी तालिबान का समर्थन किया था। लेकिन इस बार ऐसा करके पाकिस्तान खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। पाकिस्तान को तालिबान से उम्मीद थी कि पाकिस्तान में फल-फुल रहे तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान की मदद करेगा। पाठकों को बता दें कि पाकिस्तान में भी तालिबान की विचारधारा के कई कट्टरपंथी संगठन हैं जो पाकिस्तान में शरिया कानुन लागु करना चाहते हैं। इन्हीं संगठनों में से एक है तहरीक ए तालिबान (पाकिस्तान)।
TTP पाकिस्तान का अंदरूनी मामला- जबीउल्लाह मुजाहिद
पाकिस्तान के जियो न्यूज़ को दिए इंटरव्यु में तालिबानी प्रवक्ता ने तहरीक ए तालिबान (पाकिस्तान) को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। जियो न्यूज के प्रोग्राम ‘जिरगा’ के दौरान प्रवक्ता से सवाल में पूछा गया कि क्या तालिबान टीटीपी को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जाने से रोकेगा? इसपर तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि TTP पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है, इसमें अफगानिस्तान का कोई हस्तक्षेप नही होगा।
जबीउल्लाह ने आगे कहा कि इस समस्या का समाधान पाकिस्तान सरकार को निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘यह पाकिस्तान का मुद्दा है और होना यह चाहिए कि पाकिस्तानी सरकार वहां की जनता पर इस फैसले को छोड़ दें। यह पाकिस्तान का अपना मसला है, जिसका अफगानिस्तान से कोई संबंध नहीं है और पाकिस्तान को अपना फैसला खुद लेना चाहिए।’
बता दें कि तालिबान ने पहले ही साफ कर दिया है कि अफगानिस्तान की जमीन किसी दूसरे देश के ऊपर साजिश करने में शामिल नही होगी।