Uttarakhand tunnel rescue ऐसे बच सकती है मजदूरों की जान, क्या यह मशीन होगी कारगर साबित?
Uttarakhand tunnel rescue
19 नवंबर रविवार को केंद्रिय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखणड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी(Uttarakhand tunnel rescue) में फसे मजदूरों का निरिक्षण किया वहीं इस मामले को लेकर नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि अगर मलबे में ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन ठीक से काम करती रहती है, तो बचाव टीम अगले दो दिनों में उत्तराखंड की सुरंग के अंदर 170 घंटों से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों तक पहुंच सकती है।
इतने समय में बच सकती है मजदूरों की जान
काफी दिनों से सुरंग के नीचे मजदूरों के फसे रहने की जानकारी लगातार सामने आ रही है। ऐसे में रविवार को परविहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मजदूरों को बाहर निकालने के समय की जानकारी साझी की गई। बता दें कि मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि थमिकता मजदूरों का जीवन बचाना है. उन्होंने कहा कि, “अगर ऑगर मशीन ठीक से काम करती है, तो हम अगले दो से ढाई दिन में उन तक पहुंच पाएंगे. बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) द्वारा विशेष मशीनें लाने के लिए सड़कें बनाई जा रही हैं. कई मशीनें यहां आ चुकी हैं. फिलहाल दो ऑगर मशीनें बचाव के लिए काम कर रही हैं.”
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिया बयान
इस मामले को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत कर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी सरकार बचाव एजेंसियों की सहायता के लिए तैयार है। उन्होने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि उन्हें जल्द से जल्द बचा लिया जाए क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है.”
मौके पर मौजूद है एजेंसियों की टीमें
बताया जा रहा है कि बचाव अभियान के लिए कई एजेंसियों की टीमें मौके पर मौजूद हैं। इन टीमों में PMO कार्यालय की टीमें भी शामिल है। हालांकि सरकार द्वारा सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहें है।
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