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Uttarakhand: CM के निर्देश पर 70-80 साल पुराने सरकारी जमीनों के रिकॉर्ड खुलेंगे

CM के निर्देश पर 70-80 साल पुराने सरकारी ज़मीनो के रिकॉर्ड खोलेंगे

CM के निर्देश पर 70-80 साल पुराने सरकारी ज़मीनो के रिकॉर्ड खोलेंगे

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मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सभी जिलाधिकारियों को उन सरकारी जमीनों के 70 से 80 वर्ष पुराने रिकॉर्डों की जांच करने का आदेश दिया है, जो अतिक्रमण की वजह से विवादों और आपत्तियों का विषय बन गए हैं। उन्होंने सरकारी जमीनों को चिह्नित करने और उसका रिकॉर्ड ठीक करने के लिए एक टीम बनाने का आदेश दिया। सोमवार को सचिवालय में सरकारी संपत्ति से अतिक्रमण हटाने पर सभी जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव द्वारा बैठक कराई गई। जिलाधिकारियों को सरकारी जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए उसे चिन्हांकन करने का आदेश दिया गया है।

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साथ ही, वे इस काम से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करते थे। उन्होंने समाधान के लिए सुझाव भी मांगे। सरकारी जमीन को चोरी से बचाने के लिए डिजिटल मैप बनाए जाएं और फोटो एवं वीडियो के माध्यम से अतिक्रमण को रोका जाएगा। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित सभी जिलाधिकारी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।

सरकारी जमीनों से हटेंगे अतिक्रमण

सीएस ने कहा कि सरकारी भूमि से एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि वह दोबारा अतिक्रमण न हो। सरकारी जमीन को सुरक्षित रखने के लिए सीमांकन और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएं। जिस जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, उसे खाली करवाया जाए। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अधिकारी इस बात का ख्याल रखेंगे की सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण ना हो, अगर ऐसा होता है तो अधिकारी जिम्मेदार होंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले 70 या 80 वर्षों के रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी, जिससे यह पता चल सके की भूमि किसके नाम पर दर्ज है। उन्होंने कहा, भूमि रिकॉर्डिंग पोर्टल शीघ्र ही तैयार होगा। भूमि का पूरा विवरण आगे से इसी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

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