Political News: कारसेवकों पर गोली चलाने का फैसला सही-शिवपाल यादव
Political News: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। एक तरफ जहां यूपी समेत पूरा देश इस घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, तो दूसरी तरफ राम मंदिर पर सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही। इसी बीच एक बार फिर से 1990 में हुई कारसेवकों पर फायरिंग का मुद्दा उठाया गया।
कारसेवकों पर फायरिंग को सही ठहराया
दरअसल, कुछ दिन पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस घटना का समर्थन किया था। वहीं, अब सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने एक बार फिर इस मुद्दे को उजाले में लेकर अपनी बात रखी है। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता शिवपाल यादव ने अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर फायरिंग की घटना को सही ठहराया है। शिवपाल यादव ने कहा कि यह कदम लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने के लिए बेहद जरूरी था। अयोध्या में हुई इस फायरिंग में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई कारसेवकों की मौत हुई थी। उस समय यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था
बता दें, 10 जनवरी को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले कारसेवकों को अराजतक तत्व बताया था। उन्हें यह भी बताया गया कि तत्कालीन सपा सरकार ने कारसेवकों को गोली मार दी क्यों? स्वामी प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की घटना हुई थी, तोड़फोड़ बिना किसी न्यायालय या प्रशासनिक आदेश के हुई थी। स्वामी प्रसाद ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अमन-चैन कायम करने के लिए गोली चलाई थी। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई।
1990 की घटना
1990 में, अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों पर गोली चलाई गई। उस समय उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। उन दिनों अयोध्या में बहुत सारे श्रद्धालु आने लगे। अयोध्या में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा रखा था, इसलिए श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। बाबरी मस्जिद से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर पुलिस ने घेराबंदी कर दी थी। कारसेवकों की भारी भीड़ बेकाबू हो गई। 30 अक्टूबर, 1990 को कारसेवकों पर चली गोलियों में पहली बार पांच लोग मारे गए। इस घटना के बाद अयोध्या से लेकर पूरे देश में बहुत गर्मी छा गई। जुलाई 2013 में, 1990 की घटना के 23 साल बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उन्हें गोली चलवाने का अफसोस है, लेकिन उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था।