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Loksabha Chunav 2024: यूपी में ‘बुलडोजर’ से भाजपा को मिलेगी टिकट?

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Loksabha Chunav 2024: 2020 में उत्तर प्रदेश में शुरू हुई बुलडोजर राजनीति अब योगी आदित्यनाथ सरकार का मुख्य आधार बन गई है। बुलडोजर अब न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि राज्य के बाहर भी सुशासन का प्रतीक बन गया है। देश में ज्यादातर सरकारें, मुख्य रूप से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें अब बुलडोजर पर दांव लगा रही हैं।

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बुलडोजर को पहली बार भाजपा में जुलाई 2020 में योगी आदित्यनाथ सरकार में प्रमुखता मिली थी, जब कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर को गिराने के लिए इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था।

दुबे आठ पुलिस कर्मियों के नरसंहार का मुख्य आरोपी था और उसके महलनुमा घर पर बुलडोजर चलाना सभी को न्याय जैसा लग रहा था। पैगंबर पर नूपुर शर्मा के बयान का विरोध करने वाली मुस्लिम आवाजें, फिर प्रयागराज में बुलडोजर का निशाना बनीं।

इसके बाद, मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया डॉन की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया, जो दोनों सलाखों के पीछे है। इस दौरान राज्य सरकार ने बुलडोजर के दम पर ढहते माफिया के घरों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटलों और इमारतों की तस्वीरें और वीडियो खुशी-खुशी जारी किए।

विधानसभा चुनाव के बीच एक स्थानीय दैनिक ने योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ का नाम दिया और ये भाजपा के अभियान को अगले स्तर तक ले गया। नेता दर नेता चुनाव में इसकी चर्चा कर रहे थे कि कैसे योगी आदित्यनाथ ने अपने बुलडोजर से अपराधियों को घुटनों पर ला दिया।

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजो ने जहां भाजपा ने सत्ता में वापसी का मंचन किया। इससे बुलडोजर की राजनीति पर मुहर लगी और जिस विपक्ष ने बुलडोजर को अत्याचार के रूप में पेश करने की कोशिश की थी, वो बैकफुट पर आ गई।

यूपी पुलिस अब लगभग रोजाना माफिया डॉन से जुड़े लोगों को निशाना बना रही है। बुलडोजर बाबा की राजनीति तेजी से लोकप्रिय हो रही है और इसलिए उनकी छवि एक सख्त प्रशासक के रूप में है जो किसी भी गलत काम करने वाले को बख्शेंगे नहीं। बुलडोजर अब पूरे उत्तर प्रदेश में शोरगुल मचा रहा है और बीजेपी के लिए ये मामला जितना विवादों से भरा है, उतना ही मजेदार है।

भाजपा नेताओं का दावा है कि ये बुलडोजर है जो 2024 के आम चुनावों में फिर से समृद्ध लाभांश देगा। और कोई भी दावे पर सवाल नहीं उठा रहा है।

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