Vigilance Bureau: पंजाब के पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल को समन, 65 लाख की हेराफेरी का मामला
Vigilance Bureau: पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता मनप्रीत बादल को विजिलेंस ब्यूरो ने दूसरी बार समन जारी किया है। बता दें कि प्लॉट खरीदने के मामले में विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने समन जारी किया गया है। विजिलेंस विभाग ने इसी महीने के अंत में यानी 31 अक्टूबर को बठिंडा कार्यालय में पेश होने का ऑर्डर किया है। इससे पहले मनप्रीत बादल को 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन बीमार होने की वजह से वे ब्यूरो के सामने पेश नहीं हुए थे।
Vigilance Bureau: पीजीआई में इलाजरत हैं पूर्व मंत्री
समन पर मनप्रीत बादल के वकील सुखदीप सिंह भिंडर ने कहा था कि मनप्रीत सिंह बादल काफी समय से पीठ दर्द से पीड़ित हैं, जिसके कारण वे चल पाने में समर्थ नहीं हैं। और उनका उपचार पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है। अब विजिलेंस विभाग ने दोबारा समन जारी कर 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है। हलांकि मनप्रीत बादल के एडवोकेट ने विजिलेंस ब्यूरो से अपील की थी कि वे चंडीगढ़ स्थित उनकी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं।
पैसों की धोखाधड़ी का है आरोप
विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा की ओर से 24 सितंबर को पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था। मनप्रीत बादल पर आरोप है कि वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने साल 2021 में अपने प्रभाव से शहर के पॉश एरिया मॉडल टाउन फेस-1 में 1560 गज के दो प्लॉट खरीदे थे। विजिलेंस ब्यूरो द्वारा किए गए जांच में सामने आया कि इन प्लाटों को खरीदते समय पूर्व वित्तमंत्री ने पंजाब सरकार के खजाने से 65 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। इस केस को लेकर मनप्रीत के तीन सहयोगी कारोबारी विकास अरोड़ा, होटल व्यवसायी राजीव कुमार और शराब ठेकेदार के कर्मचारी अमनदीप को विजिलेंस ने अरेस्ट किया था। इस मामले से जुड़े कुछ तत्कालीन अधिकारी अभी फरार हैं।
ये भी पढ़ें- इजरायल-हमास जंग में भारत के रुख पर शरद पवार का तंज