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महाकाल लोक में तेज हवाओं का तांडव, 7 में से 6 सप्तऋषि मूर्तियां टूटी

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मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल लोक में लगी सप्तऋषि की 7 में से 6 मूर्तियां हवा से गिर गईं हैं। आपको बता दें कि सप्तऋषि की भव्य मूर्तियों का लोकार्पण को हुए 1 साल भी नहीं हुआ कि ज़रा सी आंधी ने सरकार के सारे दावों की पोल खेल दी है। आपको बता दें कि 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। अनावरण के दौरान दावे किए गए थे कि सप्तर्षि की मूर्तियां धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की मिसाल बनेंगी लेकिन 28 मई की दोपहर आई आंधी ने सरकार के सारे दावों का पर्दाफाश कर दिया।

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आपको बता दें कि 800 करोड़ की लागत से बने महाकाल लोक में सप्तऋषि की भव्य मूर्तियां तेज हवा का झोंका नहीं झेल पाईं और आंधी से नीचे गिर गईं। जानकारी के मुताबिक, सप्तर्षि की 7 में से 6 मूर्तियां गिरकर खंडित हुई हैं, जिसके बाद सरकार की किरकिरी हो रही है और साथ ही सरकार से सवाल पूछा जा रहे है कि, आखिर 800 करोड़ की लागत से बने महाकल लोक की मूर्तियां इतनी आसानी से कैसे गिर गईं।

इसको लेकर लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्यप्रदेश सरकार पर तंज कसा है साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मूर्तियों को विस्थापित करने की मांग की है।

कमलनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।’

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