Advertisement

MP Election 2023: खरगोन सीट क्यों चर्चा का विषय, जो यहां जीता उसकी बनेगी सरकार ?

Share
Advertisement

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ ताबड़तोड़ प्रचार में जुटी हुई है। आपको बता दें एमपी में अब तक 15 बार विधानसभा के चुनाव हो चुके है। इनमें से 14 बार राज्य में उस दल की सरकार बनी है, जिसने खरगोन विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया है। इसलिए खरगोन विधानसभा सीट चर्चा का विषय है। साल 1972 से अब तक सभी 12 चुनावों में यह सिलसिला जारी रहा है। इसलिए ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भी यह क्रम जारी रहता है या नहीं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत 17 नवंबर को मतदान होगा, जिसकी मतगणना तीन दिसंबर को की जाएगी। 

Advertisement

खरगोन सीट का इतिहास

खरगोन के अलावा राज्य की तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले नौ विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की जनता ने जिसे चुना, उसी दल की राज्य में सरकार बनी। इनमें बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट, मंडला जिले की निवास सीट और बड़वानी जिले की सेंधवा सीट शामिल है। 1977 से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में खरगोन के साथ ही नेपानगर, निवास और सेंधवा सीट के परिणाम भी उसी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में गए, जिसने सत्ता हासिल की।

1980 में विधानसभा भंग होने के बाद हुए चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी की। अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री बने थे। खरगोन में भी कांग्रेस को जीत मिली। उसके उम्मीदवार चंद्रकांत खोड़े विधानसभा पहुंचे। 1985 में भी खरगोन की जनता ने कांग्रेस को चुना और राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनी। 1990 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सत्ता से विदाई हो गई और सुंदर लाल पटवा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी। इस चुनाव में एक बार फिर खरगोन की जनता सत्ताधारी पार्टी के साथ रही।

ये भी पढ़ें:Madhya Pradesh: उज्जैन में 12 साल की बच्ची से हैवानियत, सामने आया CCTV Footage

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *