जया किशोरी की कथा के आयोजन को रोका, बीजेपी-कांग्रेस हुई आमने-सामने
दलाल बाग के मैदान में मंगलवार 10 अक्टूबर को होने वाली श्रीमद् भागवत कथा को कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने रद्द कर दिया है। उनका कहना था कि बीजेपी और प्रशासन की बदनीयती को देखते हुए यह निर्णय भारी मन से लिया गया है। मंगलवार यानी 9 अक्टूबर दोपहर आयोजन स्थल पर संजय शुक्ला ने एक अचानक पत्रकार वार्ता में कहा कि बीजेपी और प्रशासन की बदनीयत के कारण जया किशोरी की 7 दिन की भागवत कथा समाप्त हो गई है।
प्रशासन से मांगी थी अनुमति
इंदौर-1 विधानसभा से एक कांग्रेस विधायक ने बताया कि सागर शुक्ला ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके परिणामस्वरूप वे 7 अक्टूबर को पुलिस आयुक्त कार्यालय गया। इसके बाद कहानी मेरे नाम पर प्रकाशित की गई। उनका कहना था कि सरकार बीजेपी के दबाव में काम कर रही है। यही कारण है कि संजय शुक्ला के नाम पर सागर शुक्ला के आवेदन पर अनुमति दी गई। यह योजना का एक भाग है।
आदर्श आचार संहिता की वजह से रुकी कथा
संजय शुक्ला ने कथा को निरस्त करने का कारण कहा, ‘इस अनुमति के शर्त क्रमांक 2 में लिखा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर यह अनुमति स्वत: निरस्त हो जाएगी। इस हिसाब से यह अनुमति सोमवार (8 अक्टूबर) दोपहर में निरस्त हो गई है।’ उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र के बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय इस कथा के आयोजन से डरे हुए थे। प्रशासन ने इसलिए कथा रोकी। शुक्ला ने कहा कि ऐसे हालात में हमें इस कहानी को छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा है। क्षेत्र के लोग धर्मकर्म में बाधा डालने वालों को सबक सिखाएंगे।
पार्टियां कर रही षडयंत्र
कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा कहानी निरस्त करने पर भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना था कि संजय शुक्ला को हर चीज में षड्यंत्र दिखाई देता है जबसे बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया है। कथा को अनुमति नहीं मिली तो इसे षडयंत्र बता रहे थे। सुमित मिश्रा ने दावा किया कि वास्तव में उन्हें एक प्रमुख हिंदूविरोधी कांग्रेसी नेता ने फोन करके कहा था कि उन्हें कहानी नहीं करवानी चाहिए थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने कहानी छोड़ दी और अब बहाने बना रहे हैं। वहीं सुमित मिश्रा का आरोप है, ‘उन्होंने संजय शुक्ला से ये कहा कि चुनाव के समय बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्व. विष्णुप्रसाद शुक्ला की स्मृति में कथा करवाने का राजनैतिक लाभ बीजेपी को मिल सकता है। इसलिए कथा मत करवाओ। कांग्रेस के बड़े नेता की बात टालने में नाकाम रहे शुक्ला अब इसका ठीकरा प्रशासन पर फोड़ने में लगे है।’
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