मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारी करेंगे हड़ताल, कलेक्टरों को दिया हड़ताल का नोटिस
सरकार ने मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की 6 अक्टूबर से शुरू होने वाली हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। सरकार ने एस्मा लगाने वाले कर्मचारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि राज्य में भूख हड़ताल हो सकती है। राज्य के विद्युत कर्मचारियों ने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए कल शुक्रवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऐसे में राज्य में ब्लैकआउट हो सकता है। प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने पावर मैनेजमेंट कंपनी के साथ एक बैठक में असफलता के बाद 52 जिलों के कलेक्टर को हड़ताल का नोटिस दिया है। इसमें शुक्रवार को प्रदेश में 70 हजार बिजली कर्मचारियों हड़ताल करेंगे।
कलेक्टरों को भेजा गया हड़ताल का नोटिस
बिजली कर्मियों की पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक के साथ 3 दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। बिजली कर्मियों ने इसके बाद 52 जिलों के कलेक्टरों को हड़ताल का नोटिस भेजा है। माना जाता है कि 52 हजार पेंशनर, 70 हजार बिजली कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर जा सकते हैं। इसके बाद सरकार ने हड़ताल पर एस्मा लगाया है। यही कारण है कि अगर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर गए तो सरकार एस्मा की कार्रवाई करेगी।
बातचीत से नहीं निकला कोई नतीजा
बिजली कर्मियों की पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक के साथ 3 दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। बिजली कर्मियों ने इसके बाद 52 जिलों के कलेक्टरों को हड़ताल का नोटिस भेजा है। माना जाता है कि 52 हजार पेंशनर, 70 हजार बिजली कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर जा सकते हैं। इसके बाद सरकार ने हड़ताल पर एस्मा लगाया है। यही कारण है कि अगर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर गए तो सरकार एस्मा की कार्रवाई करेगी।
बिजली कर्मचारियों की मांगे
वहीं कर्मचारियों की मांगे है कि ज्वाइंट वेंचर और टीबीसीबी को वापस लें। पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था, डीआर और चतुर्थ वेतनमान के आदेश जारी किए जाएं। सातवें वेतनमान में तीन स्टार मैट्रिक्स मिलेंगे।संविदा नियमितिकरण और सुधार के लिए वर्ष 2023 में संविदा नीति लागू की जाएगी। 20 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 3000 रुपये का जोखिम भत्ता आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा। कर्मचारियों के वेतन में असमानता दूर कर मूल वेतन 25 हजार 300 रुपये से अधिक करें। 2018 के बाद कनिष्ठ अभियंताओं के वेतन में असमानता दूर की जाए। साथ ही नीति बनाई जाए, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता और कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता नियुक्त किया जाएगा।
ये भी पढ़ें – शिवराज सरकार का बड़ा एलान, महिलाओं को नौकरी में देगी 35 फीसदी आरक्षण