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मां भद्रकाली दर्शन को पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति, घोड़े चढ़ाने की 5 हजार साल पुरानी परंपरा निभाई

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बावन शक्तिपीठों में एक धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और हिमाचल के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला परिवार सहित मां भगवती के चरणों में नतमस्तक हुए। सर्वप्रथम शक्तिपीठ के पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा, अध्यक्ष नरेंद्र वालिया, स्नेहिल शर्मा एवं सदस्यों ने पूर्व राष्ट्रपति एवं हिमाचल के राज्यपाल सहित परिवार के सदस्यों का शक्तिस्थल श्रीदेवीकूप पहुंचने पर स्वागत किया गया।

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इस अवसर पर पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा ने शक्तिपीठ के पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराते हुए मंत्रोचारण के साथ पूजा कराई एवं पूर्व राष्ट्रपति को चांदी का मुकुट, माता की लाल शक्ति चुनरी व पुष्प माला से आशीर्वाद दिया। पीठाध्यक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति को घर में स्थापित करने के लिए मां भद्रकाली की अष्टभुजाधारी अष्टधातु की मूर्ति भी भेंट की। पूर्व राष्ट्रपति ने शक्तिपीठ में प्रदान किए गए चांदी के मुकुट को मां भगवती के चरणों में अप्रित कर दिया।

इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने अपनी धर्मपत्नी सविता कोविंद व पुत्री स्वाति कोविंद, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, धर्मपत्नी जानकी शुक्ला सहित मुख्य दरबार में गर्भगृह में मां भद्रकाली जी का आहवान कर षोडशोपचार मन्त्रों के साथ मां का भाव-भक्तिपूर्ण पूजन किया। इन्होंने पान, सुपारी, ध्वजा व पंचामृत अर्पित किया व विशेष लाल पुष्पों की माला भी मां भद्रकाली जी को भेंट की।

पीठाध्यक्ष ने उन्हें प्रसाद व मां भद्रकाली का चित्र भेंट किया और उन्हें मंदिर में चल रहे निर्माण जैसे शनि मंदिर इत्यादि के बारे में भी बताया। प्रत्येक वर्ष होने वाले भव्य नवरात्रि महोत्सव की भी जानकारी दी गयी, जिसके लिए रामनाथ कोविंद ने पीठाध्यक्ष को बधाई दी और कहा कि उन्होंने भी मंदिर के विशाल व व्यवस्थित कार्यक्रमों की बहुत प्रशंसा सुनी है। उन्होंने विजिटर बुक में भी मंदिर के वातावरण को मनमोहक व पूजा को श्रेष्ठ बताया। अंत में उनके साथ आए सभी ने दी लैंडमार्क आई लव कुरुक्षेत्र के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाया। 

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