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बिलकिस बानो गैंगरेप केस: दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

बिलकिस बानो गैंगरेप केस: दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

बिलकिस बानो गैंगरेप केस: दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

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सुप्रीम कोर्ट ने आज (14 सितंबर) दोपहर 2 बजे से बिलकिस बानो केस की सुनवाई होगी। मामले में पिछली सुनवाई 30 अगस्त को हुई थी। उस समय कोर्ट ने मुंबई की ट्रायल कोर्ट में जुर्माना भरने पर एक दोषी को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि आपने कोर्ट की अनुमति के बिना जुर्माना क्यों भरा।

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जुर्माने को रिहाई से जोड़कर न देखा जाए

रिहाई का बचाव कर रहे दोषी रमेश चंदना के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि दोष सिद्धि और सजा सुनाए जाते समय उनके क्लाइंट को 34 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया था। तब दोषी ने जुर्माना नहीं भरा था। इस बीच रिहाई के खिलाफ दी गई एक याचिका में तर्क दिया गया कि दोषी ने जुर्माना राशि का भुगतान नहीं किया। इसलिए उन्हें अतिरिक्त सजा काटनी पड़ सकती है। लूथरा ने बताया कि जुर्माना जमा करने को रिहाई में राहत से जोड़कर न देखा जाए। इसका रिहाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनका इरादा सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को कम करने या झुकाने का कोई इरादा नहीं था।

गैंगरेप सहित परिवार के 7 लोगों की हत्या

साल 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के डर से भागते समय उनके साथ गैंगरेप किया गया था। तब बिलकिस बानो की उम्र 21 साल थीं। वे पांच महीने की प्रेग्नेंट भी थीं। दंगाइयों ने बिलकिस की मां समेत चार और महिलाओं का भी रेप किया। इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी। इनमें बिलकिस की तीन साल की एक बेटी भी थी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया था।

बिलकिस ने दाखिल की थीं दो याचिकाएं

बिलकिस ने इसके खिलाफ 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई थी। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?

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