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ग्रेटर नोएडा एक बार फिर बना देश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र , ग्रैप लागू होने से पहले ही स्थिति खराब

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रविवार से एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू होने से एक दिन पहले ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब हो गई। शनिवार को ग्रेटर नोएडा एक बार फिर देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 298 मापा गया। एक्यूआई के मामले में शहर रेड जोन में पहुंच गया है। गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में ग्रेनो एक से अधिक बार देश का सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है।

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रविवार से लागू होने वाले जीआरपी के प्रावधान दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर के आधार पर लागू होंगे। हालाँकि, तीन प्राधिकरणों – जिला, विभाग और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) – ने इस संबंध में कोई तैयारी नहीं की है। प्रतिबंध लागू होने से एक दिन पहले तक सभी क्षेत्र एक-दूसरे पर दोषारोपण करेंगे। यूपीपीसीबी के अधिकारियों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहरी क्षेत्रों में जीआरएपी नियम लागू करेगा।


प्रदूषण बोर्ड के प्रतिनिधियों के अनुसार सड़कों पर धूल और निर्माण स्थलों पर नियमों का उल्लंघन प्रदूषण के सबसे बड़े स्रोत हैं। टूटी सड़कों की मरम्मत या धूल हटाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। कहा जा रहा है कि अगर यही स्थिति जारी रही तो AQI जल्द ही रेड जोन और फिर डीप रेड जोन में पहुंच जाएगा।

ग्रेनो वेस्ट का AQI 347 था
यूपीपीसीबी ने प्रदूषण स्तर निर्धारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में निगरानी प्रणाली स्थापित की है। इसके मुताबिक ग्रेनो के कचरे से वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। शनिवार को यहां AQI 374 था। प्राधिकरण ने कहा कि बड़ी संख्या में निर्माण स्थलों के कारण यहां पर्यावरण प्रदूषण और भी अधिक है।

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