एक बड़ी आतंकी साज़िश नाकाम, दशहरे के मौके पर दिल्ली, अयोध्या समेत कई मेट्रो सिटीज़ थी निशाने पर

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नई दिल्ली। देश में बड़ी आतंकी घटना होने की साज़िश को एक बार फिर से नाकाम कर दिया गया है। पुलिस ने प्रयागराज से दो किलो आरडीएक्स, दो हथगोले, दो इटेलियन पिस्टल व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। विस्फोटक सामान के साथ पकड़े गए आतंकियों को दिल्ली लाया जा रहा है। इतनी अधिक मात्रा में विस्फोटक मिलने से सुरक्षा एंजेसियां सतर्क हो गई हैं।

पकड़ी गई विस्फोटक सामग्री पाकिस्तान निर्मित

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक सीनियर अधिकारी ने आरडीएक्स व हथगोलों को पाकिस्तान निर्मित बताया है। उनका कहना है कि ‘ये विस्फोटक सामग्री वहीं से भारत भेजी गई हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘अभी पाकिस्तान से हथियार भारत में एकत्रित किए जा रहे थे, अभी और हथियारों का आना बाकी था। साथ ही जिन स्थानों पर बम धमाके करने की योजना थी, उन स्थानों की आतंकियों द्वारा रैकी की जा रही थी।’

अधिकारी ने बताया कि अभी आतंकियों के सिर्फ एक मोड्यूल का खुलासा हुआ है, जबकि अभी और कई मोड्यूलों के खुलासे होने बाकी हैं। उनका मानना है कि अभी देश में 15 से 20 आतंकी और हो सकते हैं।  जिन्हें पकड़ने के लिए पूरे देश में दबिश दी जा रही है।

मेट्रो सिटी समेत कई राजनीतिक व धार्मिक नेता थे निशाने पर

गिरफ्तार हुए आतंकियों से शुरूआती पूछताछ में पता चला कि दिल्ली के अलावा कई मेट्रो शहरों में सीरियल बम धमाके करने की उनकी योजना थी। पकड़े गए आतंकियों में एक का नाम ओसामा और दूसरे का नाम जीशान है और दोनो बम बनाने की तैयारी कर रहे थे। वारदात को अंजाम देने के लिए इन्होंने दो नकली आईडी बना रखी थी।

जांच में ये बात भी पता चली कि आतंकियों के निशाने पर कई राजनेता, कई धार्मिक नेता, दिल्ली और अयोध्या समेत यूपी के कई इलाके थे। 

आईएसआई ने अंडरवर्ल्ड के साथ की सांठ-गांठ

देश में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) ने अंडरवर्ल्ड का साथ लिया है। अंडरवर्ल्ड एक धर्मविशेष और अपराधिक प्रवृति के लोगों को बम धमाकों में इस्तेमाल करने की फिराक में है। इसमें अंडरवर्ल्ड का काम देश में मौजूद आतंकियों की फंडिंग करना और हवाला के जरिए पैसे भेजना है।

इसके अलावा एक और बात सामने आई है कि दाऊद इब्राहिम का भाई अनिस इब्राहिम इस समय पाकिस्तान में रह रहा है। 

मस्कट के रास्ते से पाकिस्तान ट्रेनिंग लेने गए थे आरोपी

इस मामले की जांच कर रही विशेष पुलिस के आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया कि ‘आतंकी ओसामा और जीशान मस्कट के रास्ते से आतंकवादी ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान गए थे। ओसामा 22 अप्रैल, 2021 को लखनऊ से फ्लाइट के जरिए मस्कट गया था। जहाँ उसे जीशान मिला था। वह भी आतंकी ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान जा रहा था।

यहाँ से उन्हें ग्वादर पोर्ट, फिर बोट के जरिए थाट्टा पाकिस्तान ले जाया गया था। रास्ते भर में कई बोट बदल कर इन्हें पाकिस्तान ले जाया गया था। वहाँ उन्हें एक फार्महाउस में रखा गया। फार्महाउस में तीन पाकिस्तानी थे। जिनमें से दो लोग हमेशा पाकिस्तानी सेना की वर्दी में रहते थे। उन्हें 15 दिन की आईईडी (improvised explosive device) बनाने व हथियार चलाने की आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी।‘

ट्रेनिंग कर रहे लोगों में 15-20 बांग्ला-भाषी

पकड़े गए आतंकियों ने बताया कि ‘वहाँ पर 15 से 16 युवकों की आतंकी ट्रेनिंग चल रही थी। जो बांग्ला में बात करते थे। इससे लगता है कि वो युवक बांग्लादेशी हो सकते हैं। इन सभी को कई ग्रुपों में बांट कर रखा गया था। जीशान व ओसामा एक ही ग्रुप में थे। करीब 25 दिनों की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें एके-47 के साथ-साथ कई अन्य छोटे-बड़े हथियारों को रखना और चलाना सिखाया गया था। इसके बाद इन्हें बोट से ही मस्कट लाया गया और यहाँ से ये फ्लाइट के जरिये वापस भारत आ गए।’ 

सभी आतंकियों को सौंपे गये थे अलग-अलग काम

गिरफ्तार आतंकियों को आतंकी योजना से संबंधित विभिन्न कामों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। अंडरवर्ल्ड डॉन अनीस इब्राहिम के खास करीबी समीर के पास पाकिस्तान में छिपे अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक व्यक्ति से आईईडी, हथियार और हथगोले आदि लेकर भारत में स्थित विभिन्न संस्थाओं तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी और ओसामा और जीशान को ISI के निर्देशानुसार आईईडी लगाने के लिए दिल्ली और यूपी में विभिन्न उपयुक्त स्थानों की टोह लेनी थी।

अगले साल यूपी में चुनाव होने हैं, जिसकी वजह से वहाँ होने वाली चुनावी यात्राओं में भारी भीड़ जमा होगी और उस रैली में आतंकी घटना को अंजाम देने की आतंकियों की साज़िश थी। इसके अलावा नवरात्रि व आने वाले अन्य त्योहारों पर भी धमाका करने का उनका प्लान था, जिसकी वजह से टीम ने उन पर नज़र रखने के बजाय उन्हें गिरफ्तार करना ज़्यादा उचित समझा।   

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