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रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के IPL से बाहर होने पर विराट का मजाक क्यों बना रहे है ?

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आईपीएल 2023 जितना रोमांक रहा उसे कही ज्यादा विवादो में भी खूब रहा, ऐसा एक नया विवाद फिर एक विराट के साथ जुङ रहा है। कुछ लोग RCB के IPL से बाहर होने पर विराट का मजाक बना रहे हैं। विराट के रहते 16 साल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम के एक भी दफा खिताब ना जीत पाने का मुद्दा उठा रहे हैं।

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ऐसे लोगों को वफादारी शब्द का मतलब शायद ढंग से नहीं पता। अगर किंग चाहता, तो कब का मुंबई या चेन्नई की तरफ से खेलते हुए IPL ट्रॉफी का अंबार लगा लेता। विराट को किसी भी कीमत पर अपनी टीम में शामिल करने के लिए हर फ्रेंचाइजी लालायित थी।

16 साल से एक ही फ्रेंचाइजी के लिए IPL खेल

विराट ने पैसे की बजाए उस फ्रेंचाइजी को चुना, जिसने अंडर-19 वर्ल्ड कप के ठीक बाद यंग विराट को अपनी टीम में शामिल कर लिया था। विराट को 18 साल की उम्र में उम्मीद थी कि उसके घर की टीम किंग पर दांव खेलेगी, पर दिल्ली ने विराट के लिए बोली ही नहीं लगाई। विराट एकमात्र प्लेयर है, जो लगातार 16 साल से एक ही फ्रेंचाइजी के लिए IPL खेल रहा है।

विराट ने IPL में जो कर दिया है, उसके बाद किंग का कद ट्रॉफी जीतने अथवा ना जीतने से कहीं ऊंचा हो गया है। IPL 2023 की ही बात करें, तो विराट ने 14 पारियों में 53.25 की एवरेज और 140 की स्ट्राइक रेट से 639 रन बनाए। इस दौरान किंग के बल्ले से 6 अर्धशतक और 2 शतक आए। विराट कोहली 237 IPL मैचेज में सबसे ज्यादा 7263 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।

टीम को खिताब दिलाने के लिए हमेशा अकेले संघर्ष

विराट ने IPL में सबसे ज्यादा 7 शतक और 50 अर्धशतक लगाए हैं। इस दौरान विराट के बल्ले से 643 चौके और 234 छक्के आए हैं। विराट ने अपनी टीम को खिताब दिलाने के लिए हमेशा अकेले संघर्ष किया है। जब-जब आवश्यकता पड़ती है, किंग को छोड़कर RCB के प्रमुख खिलाड़ी नॉकआउट मुकाबलों में फ्लॉप हो जाते हैं।

यही कहानी पिछले कई वर्षों से दोहराई जाती रही है। लीग स्टेज में बेंगलुरु के गेंदबाज और बल्लेबाज खूब दम दिखाते हैं, पर नॉकआउट मुकाबलों में बेदम हो जाते हैं।लगातार 2 करो या मरो वाले मुकाबले में शतक लगाना फिर भी टीम को प्लेऑफ में नहीं पहुंचा पाना…! इतना आसान नहीं है किंग कोहली हो जाना।

इतना बेबस शायद ही कभी देखा

विराट कोहली गुजरात के हाथों मिली हार के बाद बेहद निराश नजर आए। ऐसा लगा मानो उनके भीतर कुछ टूट गया हो। विराट खामोश थे, पर उनकी आंखें सब कह रही थीं। किसी ने भी किंग कोहली को इतना बेबस शायद ही कभी देखा था।

GT के खिलाफ विराट की शतकीय पारी की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि उनके बाद सबसे ज्यादा सिर्फ 28 रन फाफ डु प्लेसिस के बल्ले से आए। विषम परिस्थिति में भी विराट ने 61 गेंद पर 5 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 101* रन बनाए। किंग की 166 की स्ट्राइक रेट के साथ खेली गई पारी की बदौलत बेंगलुरु ने स्कोरबोर्ड पर 5 विकेट खोकर 197 रन लगाए।

अगर गेंदबाज अपनी भूमिका नहीं निभा पाए, इसका कतई मतलब नहीं कि हार के लिए विराट जिम्मेदार है। अगर विराट कभी IPL नहीं जीत पाएगा, तब भी वह इस लीग का सबसे बड़ा खिलाड़ी रहेगा। RCB के लिए किंग की वफादारी को सदियों तक याद किया जाएगा।

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