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सहवाग जैसे अनोखे हैं उनके ये खास रिकॉर्ड, टेस्ट में रोहित, विराट भी नहीं तोड़ पाए

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आज बात सहवाग के ऐसी पारी की जिसमें उन्होंने आक्रामक अंदाज से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया था। सहवाग बल्लेबाजी के दौरान कितने निर्भीक और लाजवाब थे, इसका नजारा उन्होने ना जाने कितने बार दिखाया है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में 195 रन के स्कोर पर छक्का मारने के प्रयास में आउट होना उनमे से एक है। जब सहवाग 195 रन पर आउट हुए तब उन्होने कहा था कि मैं चाहे शून्य पर रहूं या 99 पर या 199 रन पर रहूंगा, मैं हमेशा चौका या छक्का मारने का प्रयास करूंगा।

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इम्पैक्टफुल और इवेंटफुल पारी

सहवाग की एक छोटी मगर इम्पैक्टफुल और इवेंटफुल पारी की आज हम चर्चा करने जा रहे हैं। दरअसल साल 2005 का वह इंडियन ऑयल कप का फाइनल मैच था, जिसमें श्रीलंका के कप्तान मर्वन अटापट्टू ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। श्रीलंका ने सनथ जयसूर्या 67 रन, महेला जयवर्द्धने 83 रन और रसेल अर्नाल्ड 64 रन के अर्द्धशतकों की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 281 रन बनाए थे। उन दिनों एकदिवसीय क्रिकेट में 280 रन बना देना लगभग जीत की गारन्टी होता था।

सहवाग ने बाउंड्री लगाकर इतिहास कायम

282 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने एक तरफ से आक्रमण करना चालू कर दिया था। इस बीच सौरव गांगुली अपना विकेट बचाकर खेल रहे थे। भारतीय पारी के छठे ओवर में गेंदबाजी करने श्रीलंका की तरफ से दिलहारा लोकुहेटिगे सामने आए। अभी तक तो वीरेंद्र सहवाग संभल कर खेल रहे थे। दिलहारा लोकुहेटिगे के इसी छठे ओवर की हर गेंद पर सहवाग ने बाउंड्री लगाकर इतिहास कायम कर दिया। सहवाग ने दिलहारा लोकुहेटिगे के इस एक ही ओवर में 26 रन जड़ दिए थे।

दिलहारा लोकुहेटिगे के इस ओवर में बने 26 रनों में 5 चौका और 1 गगनचुंबी छक्का भी शामिल था। दिलहारा लोकुहेटिगे का चेहरा उतर चुका था, लेकिन चामिन्डा वास ने अगले ही ओवर की दूसरी गेंद पर सहवाग को क्लीन बोल्ड कर दिया था। सहवाग ने 22 गेंद पर 48 रन की पारी खेली थी। इस 48 रनों की पारी में 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। युवराज सिंह 42 रन और राहुल द्रविड़ 69 रन ने सहवाग के आउट होने के बाद भारतीय टीम का स्कोर 186 रन तक पहुंच चुका था। इसके बाद अचानक हुए पतन की वजह से पूरी टीम ही महज 263 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी और भारत यह मैच 18 रन से हार गया था।

बेहद खतरनाक बैटिंग

भारत यह मैच भले ही हार गया हो, लेकिन इस मैच को वीरेंद्र सहवाग के उस ओवर के लिए याद रखा जाएगा जिस ओवर में उन्होने दिलहारा लोकुहेटिगे को 26 रन जड़े थे। वीरेंद्र सहवाग ने वाकई आउट होने के डर के बिना बेहद खतरनाक बैटिंग की थी। लोग इसी वजह से वीरेंद्र सहवाग को पसंद किया करते थे। सहवाग की वह पारी और दिलहारा लोकुहेटिगे का वह ओवर आज भी यादगार है।

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