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हारे हुए मैच को भी जीता जा सकता है, इस हुनर को धोनी से सीखा जा सकता है

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हारे हुए मैच को भी जीता जा सकता है, इस हुनर को महेंद्र सिंह धोनी से सीखा जा सकता है। चेन्नई का चेपॉक स्टेडियम और टॉस हार कर पहले खेलते हुए CSK क्वालीफायर वन में 7 विकेट खोकर 172 रन ही बना सकी। रन काफी नहीं थे क्योंकि गुजरात टाइटंस के पास आठवें नंबर तक प्रॉपर बल्लेबाज मौजूद थे।

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GT 14 लीग मैचों में 10 जीतकर आई थी। उसका नेट रनरेट +0.809 था। जिस तरह इस टीम ने अंतिम लीग मैच में RCB के खिलाफ 198 चेज किए थे, CSK के लिए डगर कठिन होने वाली थी। फर्क था तो सिर्फ एक चेन्नई के लिए गेंदबाजी के दौरान बीच मैदान रणनीतियां महेंद्र सिंह धोनी बनाने वाले थे। माही से बड़ा कप्तान क्रिकेट की 22 गज की पट्टी ने कभी नहीं देखा। नए-नवेले कप्तान हार्दिक ने CSK को अब तक तीनों बार लीग मुकाबलों में हराया था, लेकिन वह पहली बार प्लेऑफ में थाला के सामने थे।

ऋद्धिमान साहा पर गुजरात को तेज शुरुआत देने की जिम्मेदारी होती है। इस दौरान अगर वह आउट भी हो जाते हैं, तो टीम मैनेजमेंट ज्यादा अफसोस नहीं करता। दीपक चाहर के तीसरे ओवर की पांचवी शॉर्ट ऑफ लेंथ बॉल को साहा ने ताकतवर पुल शॉट के जरिए मिडविकेट बाउंड्री के बाहर 4 रन के लिए भेज दिया।

ऋद्धिमान की अटैक करने की रणनीति धोनी के सामने नहीं चली

थाला के कहने पर दीपक चाहर ने अगली गेंद भी उसी लेंथ पर रखी, लेकिन लाइन ऑफ स्टंप के थोड़ा ज्यादा बाहर कर दी। ऋद्धिमान फिर पुल शॉट खेलने गए लेकिन अबकी बार डीप स्क्वायर लेग को सीधा कैच दे बैठे। 2 चौकों की मदद से 11 गेंद पर 12 रन बनाकर साहा वापस लौट गए। ऋद्धिमान की अटैक करने की रणनीति माही के सामने नहीं चली। पूरे टूर्नामेंट विजय शंकर फर्स्ट डाउन खेल रहे थे, लेकिन धोनी के खिलाफ कप्तान हार्दिक खुद इस पोजीशन पर आए। उन्हें लगा कि वह धोनी की रणनीतियों का बेहतर जवाब दे पाएंगे।

धोनी के रणनीति के सामने नहीं चली हार्दिक की

धोनी को भली-भांति पता था कि हार्दिक का बल्ला इस IPL हल्ला नहीं बोल पाया है। धोनी ने ऑफसाइड को 6 फील्डर्स से पैक कर दिया। रवींद्र जडेजा के छठे ओवर की पांचवीं गेंद से पहले थाला ने बैकवर्ड पॉइंट पर फील्डर लगाया। मतलब साफ था।

अगर हार्दिक को इस दिशा में पावरप्ले के दौरान रन चाहिए तो हवाई फायर करना होगा। डाउन द ग्राउंड गैप में खेल कर चौके निकाल पाना बहुत मुश्किल होगा। रवींद्र जडेजा ने फील्ड के हिसाब से पांचवीं गेंद 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शॉर्ट ऑफ लेंथ आउटसाइड ऑफ कर दी।

हार्दिक ने कट शॉट सीधा बैकवर्ड पॉइंट फील्डर के हाथ खेल दिया। जब बल्लेबाज का कॉन्फिडेंस लो होता है, तो वह शुरुआत में ही बड़े शॉट खेलकर वापस लय पाने की कोशिश करता है। धोनी ने इसी बात का फायदा उठाया। हार्दिक को सिर्फ 8 के स्कोर पर पवेलियन का रास्ता दिखाया।

गुजरात से चूक हुई और धोनी ने इसका भरपूर लाभ उठाया

CSK के पास महेश थीक्षणा और रवींद्र जडेजा के अलावा मोईन अली का भी ऑप्शन था। माही चाहते तो स्पिनर्स के लिए अनुकूल विकेट पर मोईन से भी गेंदबाजी करवा सकते थे। पर मोईन पिछले कुछ मुकाबलों से गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और धोनी बड़े मैच में रिस्क नहीं लेना चाहते थे।

बात सिर्फ 1 से 2 बड़े ओवर की थी। अगर गुजरात को वह मिल जाता, तो गेम पल भर में बदल सकता था। माही की रणनीतियों को गुजरात ने भी बखूबी जमीन पर उतरने दिया। ना जाने क्या सोचकर GT ने सेकंड डाउन भी विजय शंकर की जगह दासुन शनाका को भेज दिया। विजय स्पिनर्स को बढ़िया खेलते हैं और यह उनका होम ग्राउंड भी था।

गुजरात से चूक हुई और धोनी ने इसका भरपूर लाभ उठाया। जब तक शनाका डॉट गेंदें खेल रहे थे, तब तक कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने आक्रमण शुरू करते हुए जडेजा को रिवर्स हिट मारने का प्रयास किया और 16 गेंद में 17 रन बनाकर शॉर्ट थर्डमैन को कैच थमा बैठे।

ऐसी परिस्थिति में अधिकतर कप्तान गुस्सा करते

आमतौर पर ऐसी परिस्थिति में अधिकतर कप्तान गुस्सा करते हैं। पर थाला ने सेनापति को इशारों में लंबी सांस लेते हुए कूल रहने के लिए कहा। पथिराणा के इस ओवर की तीसरी गेंद पर मिडविकेट की दिशा में ऋतुराज ने विजय शंकर का कैच पकड़ा और चौथी गेंद पर सेनापति ने अपने हाथ में गेंद खेलकर सिंगल चुराने का प्रयास कर रहे दर्शन नल्कंडे को डायरेक्ट हिट पर रन आउट कर दिया।

स्कोर 17.4 ओवर में 136 पर आउट। यह रनआउट उस कॉन्फिडेंस का नतीजा था, जो मिसफील्ड के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने सेनापति को दिया था। जीत के लिए 14 गेंद पर 37 रनों की दरकार थी। राशिद खान अकेले ही GT के लिए उम्मीद की किरण जगाए हुए थे। आमतौर पर ऑनसाइड में शॉट खेलना राशिद खान की ताकत रही है। पर तुषार देशपांडे के 19वें ओवर की पहली लोअर फुलटॉस आउटसाइड ऑफ को उन्होंने एक्स्ट्रा कवर की दिशा में 4 रन के लिए भेज दिया।

धोनी ने तुरंत राशिद के खिलाफ तुषार को उस जगह पर फील्डर मुहैया करा दिया। नतीजा यह रहा कि तुषार ने राशिद को तीसरी गेंद फिर से लोअर फुलटॉस आउटसाइड ऑफ स्टंप डाली। राशिद ने फिर से ऑफसाइड में बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन डीप पॉइंट पर लपके गए। राशिद 16 गेंद में 30 रन बनाकर गुजरात की उम्मीदों को अपने साथ लिए वापस पवेलियन लौट गए।

द मैन…द मिथ…द लेजेंड!

थाला ने अपने गेंदबाज को लाइन और लेंथ में ज्यादा परिवर्तन करने के लिए नहीं कहा। सिर्फ ऑफ साइड की बाउंड्री पर प्रोटेक्शन बढ़ा दी और नतीजा चेन्नई के हक में गया। यही तो माही की खूबी है। पथिराना की पारी की अंतिम धीमी गेंद को मोहम्मद शमी ने मिड ऑफ की दिशा में उठा दिया और दीपक चाहर ने कमाल का रनिंग कैच कंप्लीट किया। अगर यह कैच नहीं भी पकड़ा गया होता, तो भी CSK जीत चुकी थी। पर दीपक चाहर चाहते थे कि पथिराना के खाते में एक और विकेट जुड़ जाए। IPL में 31 मैच खेल चुकी गुजरात टाइटंस पहली बार ऑल आउट हो गई थी। CSK 15 रन से बाजी मारकर फाइनल में प्रवेश कर चुकी थी। थाला ने अपनी रणनीति से लास्ट ईयर की चैंपियन गुजरात को घुटनों पर ला दिया। अपने करोड़ों चाहने वालों को जश्न में डुबा दिया।

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