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SCO Summit 2022 in Uzbekistan: कैसे बिना अमेरिका के SCO है इतना ताकतवार? जानें पुतिन-जिनपिंग के साथ PM मोदी की मुलाकात के मायने

तीन देश की शक्तियां आज दोस्ती की तरफ बढ़ती हुईं दिखाईं दे रहीं हैं। हम बात कर रहें है भारत,रूस और चीन की। तो आप सोच रहें होंगे की तीन महाशक्तियां आपस में सामने किस वजह से आ रहें हैं तो आपको बता दें कि उज्बेकिस्तान में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की बैठक में हिस्सा लेने के लिए तीनों देश भारत, रूस और चीन आज सम्मलित हुए हैं। हालांकि अमेरिका इस समिट का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि रूस और चीन उसके खिलाफ है।

तीन महाशक्तियां एक जगह हुईं एकत्रित

उज्बेकिस्तान में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की बैठक शुरू हो चुकी है। समरकंद में इस बैठक का आयोजन किया गया है। तीनों महाशक्तियों के आपस में मिलने को लेकर कई एंगल भी हैं। बैठक के बाद पीएम मोदी और पुतिन के बीच आज शाम को द्विपक्षीय बैठक होगी। हालांकि एक सवाल पर सस्पेंस भी बढ़ा हुआ है कि क्या मोदी जिनपिंग और शाहबाज से मुलाकात करेंगे ये नहीं ये देखना होगा।

कोरोना के बाद दो साल बाद फिजकिली हो रही SCO की बैठक

SCO की ये बैठक 2 साल बाद यानि कोरोना काल के बाद आज हो रही है इसलिए इस बार की बैठक काफी खास है क्योंकि कोविड के दौर के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार अपने देश से बाहर किसी अंतरराष्ट्रीय समिट में हिस्सा लेने जा रहे हैं। दूसरी वजह ये भी है कि युक्रेन के राष्ट्रपति का भी ये पहला मौका होगा जब वो युद्ध के बाद पहली बार जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन के अलावा उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से द्विपक्षीय बात करेंगे।

8 सदस्य देश शामिल हैं SCO की ताकत में

शंघाई सहयोग संगठन में 8 सदस्य देश शामिल हैं। इनमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं। इनके अलावा चार पर्यवेक्षक देश- ईरान, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया भी शामिल हैं। इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चनौतियों, व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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