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संजय सिंह का चुनाव आयोग पर आरोप, शिकायत के बाद भी चुनाव आयोग ने नहीं की कार्रवाई, दी जांच की चुनौती

Sanjay Singh On ECI : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है कि अगर वह निष्पक्ष है तो जिन राज्यों में वोट में गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं, उनकी जांच कराकर कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में वोट में गड़बड़ी की शिकायत की थी, इसके बाद भी चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. नई दिल्ली विधानसभा में 42 हजार वोट काट दिए गए और भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के पते पर दर्जनों वोट बनाए गए. इसलिए चुनाव आयोग का कहना कि किसी राजनीतिक दल ने वोट में गड़बड़ी की शिकायत नहीं की. यह पूरी तरह से गलत है. अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष है तो वोट में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच कराए. वरना हमेशा आरोप लगते रहेंगे कि वोट चोरी हुई है.

लोगों को मूर्ख बना रहा चुनाव आयोग

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने देश के प्रमुख विपक्षी दलों की साझा प्रेसवार्ता में कहा कि रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की बात सुनकर लगा कि उनका नाम दरअसल अज्ञानेश कुमार होना चाहिए. ऐसी अज्ञानता भरी बातें उन्होंने कीं. ज्ञानेश कुमार या तो मूर्ख हैं या जानबूझकर मूर्ख बन रहे हैं या फिर हमें मूर्ख समझते हैं. ऐसी तर्कहीन, तथ्यहीन बातें उन्होंने कीं कि हम सुनकर हैरान हैं. उनसे जो सवाल पूछे गए, उनका एक भी जवाब नहीं दिया. चुनाव आयोग ने एक महीने में, 25 जून से 25 जुलाई तक, बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के तहत 65 लाख वोट काट दिए. एक भी वोट नहीं जोड़ा. वे कहते हैं कि एसआईआर कर रहे हैं, लेकिन पूरे बिहार में उनको एक भी व्यक्ति वोट जोड़ने लायक नहीं मिला. यह तुम्हारा कैसा एसआईआर है?

अपने संबोधन में उन्होंने आगो कहा, आयोग कहता है कि 22 लाख लोग मर गए, इसलिए उनके नाम काट दिए. वे उस बिहार में, जहां बाढ़ से बड़ा क्षेत्र पीड़ित रहता है, एक महीने में सारे प्रमाणपत्र मांगते हैं. वे कहते हैं, अपना, माता-पिता और पूरे परिवार का प्रमाणपत्र लाओ. आखिर आदमी कहां से लाएगा?

SIR में कई गड़बड़ियां

संजय सिंह ने कहा कि एसआईआर में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. चुनवा आयोग का बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) खुद फॉर्म साइन करके जमा कर रहा है, उसकी वीडियो सामने आई, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का वोटर कार्ड बिहार में बन गया, कुत्ते का निवास प्रमाणपत्र बन गया, चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की? क्या आयोग इस देश के लोगों को बेवकूफ समझता है? चुनाव आयोग ने खुलेआम एसआईआर के जरिए घपला किया. मरे हुए लोगों को जिंदा कर दिया, जिंदा लोगों को मरा बता दिया.

आप नेता ने आगे कहा कि, लेकिन इस विषय पर मेरी चिंता इससे थोड़ी अलग और गंभीर है. नरेंद्र मोदी जी की पार्टी भाजपा कहती है कि इस देश में सिर्फ उनके ही वोट कट रहे हैं, जो घुसपैठिए और बांग्लादेशी हैं. चुनाव आयोग कहता है कि 22 लाख लोग मर गए, इसलिए उनके नाम काटे. फिर बाकी 43 लाख जो बचे हैं, क्या वे सब घुसपैठिए हैं? उनके लिए डिटेंशन सेंटर बनेंगे? उन्हें पकड़कर बांग्लादेश भेजा जाएगा? भाजपा कह रही है कि उन्हें हिंदुस्तान में रहने का हक नहीं. सुप्रीम कोर्ट में जिन लोगों ने कहा कि मैं जिंदा हूं, अब उन्हें बांग्लादेश जाना होगा क्योंकि भाजपा कह रही है कि वे घुसपैठिए हैं. एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी व्यास साहब और उनकी पत्नी के नाम काट दिए गए. अब क्या वे भी घुसपैठिए हैं? क्या वे डिटेंशन सेंटर में रहेंगे? क्या वे बांग्लादेश जाएंगे? चुनाव आयोग ने देश को तमाशा बना दिया है.

क्या वोट चोरी संविधान के मुताबिक?

आयोग पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग कहता है कि उसे वोट चोर कहना संविधान के खिलाफ है. लेकिन वोट चोरी करना और भ्रष्टाचार करना क्या संविधान के मुताबिक है? चुनाव आयुक्त कहते हैं कि शिकायत नहीं की गई. दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के घरों में कहीं 22, 25 तो कहीं 33-33 वोट बन गए. सांसदों के घरों में 15-15 वोट बन गए. मैं खुद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में लिखित शिकायत देने गया था. कोई कार्रवाई नहीं हुई.

नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग ने 42,000 वोट काट दिए. 14 विधानसभाओं में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हजारों वोट कटवाने की अर्जियां दीं. ये सारी लिखित शिकायतें, चुनाव आयोग से मिलकर की गई शिकायतें, बार-बार अनुरोध के बाद भी, आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की.

आयोग के पत्र पर आई हंसी

चुनाव आयोग के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पत्र देखकर मुझे हंसी आ गई. उस पत्र के बिंदु नंबर सात में लिखा था कि गड़बड़ी हुई, लेकिन राजनीतिक दलों ने हमें नहीं बताया कि गड़बड़ी हुई. यह तो वही बात हो गई कि एक बदमाश थानेदार ने अपने सिपाहियों के साथ मिलकर इलाके में डकैती डाल दी. जब वह पकड़ा गया, तो उसने कहा कि इस इलाके के लोगों ने नहीं बताया कि डकैती डालना और चोरी करना गलत बात है. एसआईआर आयोग ने शुरू किया. वोटर लिस्ट ठीक करना चुनाव आयोग का काम है. 2018 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है कि वोटर लिस्ट ठीक करना सिर्फ और सिर्फ चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. आयोग विपक्षी दलों को धमकाता है कि ये संविधान के खिलाफ बोल रहे हैं. हम तो संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

मताधिकार वह अधिकार है, जो बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में दिया और कहा कि राष्ट्रपति का वोट भी एक गिना जाता है और गांव के मजदूर का वोट भी एक गिना जाता है. हम उसी की लड़ाई लड़ रहे हैं. चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की गड़बड़ी जानबूझकर कर रहा है और चुनाव आयुक्त ने रविवार को पूरे देश के सामने आयोग को एक्सपोज किया.

भाजपा के साथ मिलकर किया घोटाला

संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयुक्त कहते हैं कि महिलाओं की गोपनीयता भंग हो जाती है. जब वोट देने के लिए महिलाएं लाइन में लगती हैं, तो क्या उनकी गोपनीयता भंग नहीं होती? चुनाव आयोग पूरे देश का चुनाव दिखाता है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक महिलाएं लाइन में लगती हैं, उनका साक्षात्कार लेते हैं, उसे दिखाते हैं. चुनाव आयोग के नियम में आज भी लिखा हुआ है कि 45 दिन तक सीसीटीवी फुटेज दी जाएगी, तब गोपनीयता भंग नहीं होगी. फिर भी चुनाव आयोग ने रविवार को सीना ठोककर झूठ बोला. चुनाव आयोग ने रविवार को पूरे देश को दिखा दिया कि उसने भाजपा के साथ मिलकर चुनावी घोटाला किया और कई राज्यों में चुनाव को प्रभावित किया. वही खेल वे बिहार में कर रहे हैं. दिल्ली में भी उन्होंने खुलेआम यह सब किया.

संजय सिंह ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से कहा कि जांच से मत भागिए. जो तथ्य अलग-अलग राज्यों से चुनाव आयोग के सामने लाए गए हैं, उनकी जांच कराइए. जब तक आयोग इनकी जांच नहीं कराता, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठेंगे. अगर आयोग निष्पक्ष साबित होना चाहता है, तो जहां-जहां बड़ी शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच कराए और कार्रवाई करे. वरना हमेशा यही कहा जाएगा कि ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में वोट चोरी हुई और उन्होंने घोटाला किया.


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