कहां से आया यह कमाल का व्यंजन समोसा?, जानिए इतिहास…

Samosa history
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Samosa history : बरसात का मौसम… अपनों के साथ फुरसत के कुछ पल… हाथों में गर्म चाय से भरी प्यालियां और सामने समोसे से भरी थाली… एक फूडी के लिए यह किसी परम अनूभूति से कम नहीं. समोसा भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका असली घर भारत नहीं, बल्कि मध्य पूर्व है? समोसे का इतिहास हमें 13वीं से 14वीं शताब्दी की ओर ले जाता है, जब यह भारत में पहली बार आया और यहाँ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गया।

मध्य पूर्व में मानी जाती है उत्पत्ति

समोसा शब्द फारसी भाषा के ‘सम्मोकसा’ से निकला है। इसकी उत्पत्ति 10वीं शताब्दी से पहले मध्य पूर्व में हुई मानी जाती है। ईरानी व्यंजन ‘संबुश्क’ (sanbusak) से प्रभावित होकर भारत में इसे ‘समोसा’ नाम दिया गया। भारत में, विशेष रूप से बिहार और पश्चिम बंगाल में, इसे सिंघाड़ा भी कहा जाता है, क्योंकि इसका आकार पानी के फल सिंघाड़े से मिलता-जुलता है।

अबुल-फजल बेहाकी ने भी मिलते जुलते व्यंजन का किया था उल्लेख

समोसे का तिकोना आकार ईरानी संस्कृति का प्रतीक माना जा सकता है। 11वीं सदी के इतिहासकार अबुल-फजल बेहाकी ने इस तरह के नमकीन व्यंजनों का उल्लेख किया है, जिसमें कीमा और मावे की भराई होती थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि समोसे जैसे व्यंजन मध्य पूर्व में लंबे समय से लोकप्रिय थे।

भारतीय रूप में ढला और फिर खूब चला

जब समोसा भारत आया, तो इसने यहाँ के मसालों के साथ एक नया रूप धारण किया। आलू की फसल की अधिकता ने इसे आलू की स्टफिंग के साथ और भी प्रिय बना दिया। इस बदलाव ने समोसे को भारतीयों का एक पसंदीदा स्नैक बना दिया। आज, चाहे सड़क किनारे का ठेला हो या फैंसी रेस्तरां, समोसा हर जगह उपलब्ध है। इसके साथ धनिया-पुदीने या इमली की चटनी का तड़का इसे और भी खास बनाता है।

10 शताब्दी में भी कुछ किस्से

दिलचस्प बात यह है कि 10वीं शताब्दी में महमूद गजनवी के दरबार में एक शाही पेस्ट्री परोसी जाती थी, जो कीमा भरकर बनाई जाती थी और समोसे से काफी मिलती-जुलती थी। मध्य पूर्व के लोग व्यापार और युद्ध के लिए अन्य देशों में जाते थे, और वे अपने साथ स्थानीय व्यंजन लेकर आते थे, जो धीरे-धीरे उन देशों में लोकप्रिय हो जाते थे।

इस प्रकार, समोसा केवल एक स्नैक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा का प्रतीक है, जो हमें यह बताता है कि कैसे विभिन्न संस्कृतियों ने मिलकर एक नया और स्वादिष्ट अनुभव उत्पन्न किया है। आज, समोसा न केवल भारत, बल्कि विश्व भर में एक प्रिय व्यंजन है, जो हर किसी के दिल में एक खास जगह रखता है।

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