सपा प्रतिनिधिमंडल के नेताओं के आवास के बाहर पुलिस फोर्स तैनात, संभल जाने से रोका जा रहा
Sambhal Violence: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं का एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज संभल का दौरा करने वाला है, जो 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए प्रयासरत है। सपा प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यह दौरा संभल में हुई हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात करने और रिपोर्ट तैयार करने का उद्देश्य रखता है। हालांकि, प्रशासन ने इन नेताओं को उनके घरों और गृह जनपदों में ही रोकने का प्रयास किया है। लखनऊ में माता प्रसाद पांडे के आवास के बाहर पुलिस फोर्स तैनात है, और उन्हें संभल जाने से रोका गया है।
राजनीतिक दौरे से अस्थिरता
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। इस हिंसा के बाद, जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और वहां निषेधाज्ञा लागू की गई है। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि इस तरह के राजनीतिक दौरे से अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है, जबकि सपा नेता इसे अपने संवैधानिक अधिकार के रूप में देख रहे हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इस हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे। आयोग हिंसा के कारणों और इसमें संलिप्त लोगों की पहचान करेगा, साथ ही पुलिस और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की भी जांच करेगा। आयोग की रिपोर्ट दो महीने के भीतर शासन को सौंपने की योजना है।
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