Advertisement

Russia: रूसी नागरिक ने जयशंकर के सामने किया रामचरितमानस का हिंदी अनुवाद, हैरान रह गए विदेश मंत्री

Share
Advertisement

Russia: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस दौरे पर हैं। गुरुवार को विदेश मंत्री ने रूस के भारतविदों से सेंट पीट्सबर्ग में मुलाकात की। इस दौरान एक भारतविद ने रामचरितमानस का हिंदी अनुवाद कर विदेश मंत्री एस जयशंकर को हैरान कर दिया। बता दें कि भारतविद या इंडोलॉजिस्ट (Indologist) उन लोगों को कहा जाता है, जो भारतीय साहित्य, इतिहास, दर्शन आदि की पढ़ाई कर रहे हैं। 

Advertisement

Russia: भारतीय विशेषताओं के साथ वैश्विक संबंध बनाने पर फोकस

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि ‘रिश्तों के निर्माण में संचार और एक दूसरे के प्रति समझ जरूरी है। आज हम एक बहुध्रुवीय दुनिया में रह रहे हैं, जहां पुनर्संतुलन हो रहा है। यह ऐसी दुनिया नहीं है जहां सिर्फ कुछ देशों का दबदबा हो। अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करते समय मेरा फोकस भारतीय विशेषताओं के साथ वैश्विक संबंध बनाने पर है।’ 

सेंट पीट्सबर्ग में रबिंद्रनाथ टैगोर स्कूल गए विदेश मंत्री

रूस के सेंट पीट्सबर्ग में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरु रबिंद्रनाथ टैगोर के नाम पर संचालित हो रहे एक स्कूल का दौरा किया। स्कूल में विदेश मंत्री ने नोबेल पुरस्कार विजेता कवि गुरु रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। अपने दौरे का एक वीडियो भी विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इस पोस्ट में जयशंकर ने लिखा कि इनका भारत के लिए जरूर गजब है। गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखे गए स्कूल जाकर बहुत अच्छा लगा। स्कूल में विदेश मंत्री का स्वागत रूस और भारत की पारंपरिक वेशभूषा पहने स्कूली बच्चों ने किया।

रूसी विदेश मंत्री ने की भारत की विदेश नीति की तारीफ

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव के बीच मुलाकात हुई। रूसी विदेश मंत्री ने बैठक के बाद भारत की विदेश नीति की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में  जी20 देशों का जो नई दिल्ली में सम्मेलन हुआ था, वह इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक प्रभावशाली भूमिका के साथ न्याय किया जाता है। लावारोव ने कहा कि जी20 सम्मेलन में जो विज्ञप्ति जारी हुई, वह एक पक्षीय दस्तावेज नहीं था बल्कि उसमें सभी के हितों का ध्यान रखा गया। रूसी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत की विदेश नीति ना सिर्फ रूस के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है कि कैसे भारत ने जी20 में शानदार सफलता हासिल करते हुए सभी देशों को सम्मान दिया और यूएन चार्टर का भी पालन किया। 

ये भी पढ़ेंIndia bloc’s Meeting: “मैं बैठक के नतीजे से बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं”, नीतीश कुमार की टिप्पणी

Follow us on: https://twitter.com/HindiKhabar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *