दीपावली पूजा: 700 सालों में पहली बार बना राजयोग, पूजा मुहूर्त दोपहर 1:15 से लेकर रात 2:32 तक
इस बार दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के लिए 6 मुहूर्त हैं. इस वजह से लोग अपने हिसाब से आराम से अपने दफ्तर, कारखाने और घर में पूजा कर सकते हैं. दीपावली का मुहूर्त दोपहर 1:15 से रात 2:32 तक रहेगा.
इस दीपावली पर लोग पूजा आराम से कर पाएंगे. साथ ही इस दीपावली में कई ऐसे शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसमें आप लक्ष्मी पूजन से लेकर नए कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं. दीपावली पर 8 शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से 5 राजयोग और अन्य 3 शुभ योग रहेंगे. ऐसा संयोग पिछले 700 साल में नहीं बना है.
पूजा मुहूर्त | शाम | रात |
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त | 5:40 से | 8:16 |
घर में पूजा का मुहूर्त | 5:41 से | 8:57 |
दुकान, ऑफिस एवं कारखानों के लिए मुहूर्त | दोपहर 1:15 से शाम 5:41 से | दोपहर 2:58 रात 8:57 |
प्रतियोगी परीक्षा देने वालों के लिए मुहूर्त | रात 9:00 से | रात 10:34 |
सन्यासियों और साधकों के लिए | रात 12:19 से | रात 2:32 |
दीपावली: लक्ष्मी पूजन सामग्री-
श्री यंत्र, अगरबत्ती, चंदन, अक्षत, जल, गुलाल, कुमकुम, कलावा, जनेऊ, इत्र, नारियल, सिंघाड़े, बताशे, मिठाई, अबीर, दीपक, पान, गन्ना सहित सभी सामग्री एकत्रित कर लीजिए.
दीपावली पूजा विधि-
- सबसे पहले घर की सफाई के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करें.
- लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाकर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें.
- अनाज के बीच में कलश रखें, कलश को जल से भरें और उसमें एक सुपारी, एक गेंदे का फूल, एक सिक्का और चावल के कुछ दाने डालें.
- कलश पर गोलाकार आकार में 5 आम के पत्ते रखें.
- कलश के मध्य में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें.
- एक छोटी सी थाली में चावल के दानों का छोटा सा पर्वत बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें.
- इसके बाद, अपने व्यवसाय खाते/बही और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें.
- अब मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक लगाएं और दीपक जलाएं.
- कलश पर भी तिलक लगाएं.
- अब भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को फूल चढ़ाएं.
- अपनी हथेली में कुछ फूल रखकर पूजा करें.
- अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का जाप करें.
- हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी को अर्पित करें.
- लक्ष्मी जी की मूर्ति लें और उसे जल से स्नान कराएं और फिर पंचामृत से स्नान कराएं.
- मूर्ति को दोबारा जल से स्नान कराएं.
- मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल चढ़ाएं.
- देवी मां को माला पहनाएं और अगरबत्ती जलाएं.
- देवी मां को नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं.
- देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें.
- एक थाली में दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी की आरती करें.
दीपावली: मां लक्ष्मी की आरती-
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए. इसके साथ ही घर के छोटे सदस्यों को अपने बड़े बुज़ुर्गों, माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए.
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