बी.बी.एम.बी. का गठन पिछली सरकारों की ऐतिहासिक गलती: कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस

Punjab
Punjab : भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी छोड़ने के निर्देशों के खिलाफ दृढ़ता से डटने के बाद, पंजाब के शिक्षा और सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज विधानसभा को भरोसा दिया कि वे अपने हलके श्री आनंदपुर साहिब में मौजूद भाखड़ा डैम से कभी अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने देंगे।
पंजाब विधानसभा में संबोधन करते हुए पंजाब में पानी की गंभीर स्थिति को उजागर करते हुए हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि कृषि प्रधान राज्य होने के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था भूजल पर बहुत अधिक निर्भर करती है। कोयला, सोना या तेल के भंडार न होने के कारण, भूजल ही पंजाब का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत है। बता दें कि भूजल के अधिक उपयोग के कारण राज्य के 90 प्रतिशत ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के सिंचाई नेटवर्क को 50-60 वर्षों से अनदेखा किया गया है, जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था को बहुत खतरा है।
हरजोत सिंह बैंस ने पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे बी.बी.एम.बी एक्ट के गठन के दौरान पंजाब के हितों की रक्षा करने में असफल रही हैं, जिसके बुरे परिणामों स्वरूप राज्य के जल स्रोतों का अत्यधिक दोहन और बर्बादी हुई है।
श्री आनंदपुर साहिब हलके का प्रतिनिधित्व करते हुए हरजोत सिंह बैंस ने अपने हलके के निवासियों, खासकर जिउवाल, बिभौर साहिब, स्वामीपुर बाग़ और खेड़ा जैसे गांवों, भाखड़ा मेन लाइन और नंगल डैम के निकट होने के बावजूद पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चंगेर क्षेत्र के 30-35 से अधिक गांव पेयजल और सिंचाई के पानी के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल का धन्यवाद किया कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में इन गांवों को पानी की आपूर्ति प्रदान की और लगभग 10,000 एकड़ क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधाएं सुनिश्चित कीं।
हरजोत सिंह बैंस ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने नहरी पानी के उपयोग को 22 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने किसानों को और प्रेरित करने और सिंचाई बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि हर खेत तक नहरी पानी सुनिश्चित किया जा सके जिससे भूजल के स्रोतों पर अतिरिक्त बोझ को कम किया जा सके।
गैर-कानूनी ढंग से पंजाब की ज़मीन पर कब्जा करने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) पर बरसते हुये हुए हरजोत सिंह बैंस ने नंगल शहर की दयनीय स्थिति का जिक्र किया, जो चंडीगढ़ के साथ ही बनाया गया था, लेकिन महज 50-60 वर्षों में ही खंडहर बन गया है। इसी प्रकार तलवाड़ा को भी अनदेखा कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि नंगल में एशिया की सबसे बड़ी वर्कशॉप, जिसमें राज्य के 10,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकता था, बर्बाद हुई पड़ी है। उन्होंने भारत की आज़ादी और रक्षा के लिए पंजाब के गौरवमयी इतिहास और लासानी कुर्बानियों का हवाला देते हुए इस अन्याय पर सवाल उठाया। उन्होंने सदन को पंजाब के साथ एकजुटता से डटकर खड़े होने की अपील की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके पानी की एक भी बूंद हरियाणा या किसी अन्य गैर-रीपरियन राज्य को न दी जाए।
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