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पंजाब में लागू हुई ‘ईज़ी रजिस्ट्री’, CM भगवंत सिंह मान ने शुरू किया देश का पहला डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम

Easy Registry Punjab : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज एक और क्रांतिकारी पहल करते हुए प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए ज़मीन-जायदाद की ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ (आसान व्यवस्था) को लागू कर दिया है।

पुरानी प्रक्रिया में होती थी परेशानी और देरी

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के मकसद से इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत के गवाह बने सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दशकों से ज़मीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन को जटिल और समय बर्बाद करने वाली प्रक्रिया माना जाता रहा है। इसके लिए बार-बार सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, बहुत परेशानी होती थी और देरी व भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने के लिए संबंधित सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त बोझ और असुविधा होती थी।

ईज़ी रजिस्ट्री से नई सुविधा और पारदर्शिता

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब “आसान रजिस्ट्री” व्यवस्था लागू हो जाने से पंजाब में संपत्ति रजिस्ट्रेशन सरल, तेज़ और पारदर्शिता के एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि “ईज़ी रजिस्ट्री” प्रणाली नागरिकों के लिए अनावश्यक देरी और परेशानी को पूरी तरह खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार किसी राज्य ने संपत्ति रजिस्ट्रेशन को इतना सरल बनाने की दिशा में ऐसा कदम उठाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल के तहत अब एक जिले के अंदर कोई भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय उस जिले के किसी भी क्षेत्र में स्थित संपत्तियों को रजिस्टर कर सकेगा।

सिर्फ 500 रुपए में ऑनलाइन सेल डीड

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नागरिक मात्र 500 रुपए की नाममात्र फीस देकर ‘सेल डीड’ ऑनलाइन या सेवा केंद्रों के माध्यम से तैयार करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि “सरकार तुहाडे दुआर” योजना के तहत लोग इस सेवा का लाभ लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ केवल 48 घंटे के अंदर ऑनलाइन जमा करवाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब तहसीलदार ज़मीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन पर अनावश्यक आपत्ति नहीं लगा सकेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके लिए 48 घंटे की समय-सीमा तय की गई है और यदि कोई आपत्ति लगाई जाती है तो उसे तुरंत संबंधित डिप्टी कमिश्नर को भेजा जाएगा, जो यह पुष्टि करेंगे कि आपत्ति वैध है या नहीं।

व्हाट्सएप से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अपडेट

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नागरिकों को व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के हर चरण की अपडेट मिलती रहेगी और यदि कोई रिश्वत मांगता है तो व्हाट्सएप पर ही शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि अब डिप्टी कमिश्नर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि हर संपत्ति की रजिस्ट्रेशन सुचारू रूप से पूरी हो। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से मोहाली के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय को हेल्प डेस्क और आरामदायक प्रतीक्षा क्षेत्र के साथ अपग्रेड किया गया है।

48 घंटे में दस्तावेज़ जमा और मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले रजिस्ट्रेशन केवल उसी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में हो सकती थी जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति स्थित थी। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी रजिस्ट्रेशन की प्रगति या उठाई गई किसी भी आपत्ति की जानकारी तक नहीं मिलती थी। अब दस्तावेज़ जमा करने से लेकर मंजूरी, भुगतान, आपत्ति और अंतिम दस्तावेज़ तैयार होने तक हर चरण की पल-पल की जानकारी व्हाट्सएप पर मिलेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आपत्ति उठाने या दस्तावेज़ सत्यापन के लिए 48 घंटे की समय-सीमा तय की गई है और यह व्यवस्था सेल डीड रजिस्टर करने से जुड़े अतिरिक्त खर्चों को भी कम करेगी।

ड्राफ्ट माई डीड: खुद दस्तावेज़ तैयार करने की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि “ड्राफ्ट माई डीड” सुविधा के जरिए कोई भी व्यक्ति सेवा केंद्र या सेवा सहायक की मदद से अपने रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़ खुद लिख सकेगा। उन्होंने कहा कि अलग से लेन-देन के सबूत पेश करने की जरूरत नहीं होगी, इससे नागरिकों को बार-बार बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को अब अपने रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़ इकट्ठा करने के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

सेल डीड की पुष्टि और अंतिम प्रक्रिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन पूरी होने के बाद नागरिकों को व्हाट्सएप पर ही पुष्टि की सूचना मिल जाएगी, जिससे वे एक ही विज़िट में अपना सेल डीड ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार और नागरिक-हितैषी सुधार लाने और सेवा केंद्रों व हेल्पलाइन नंबर 1076 को और सक्षम बनाने पर काम कर रही है ताकि नागरिकों को अपने काम के लिए अनावश्यक दफ्तरों में न जाना पड़े। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रशासनिक सुधारों में यह ऐतिहासिक मील का पत्थर लोगों को बड़े पैमाने पर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से है ताकि लोग सेवाएं सुचारू और परेशानी-मुक्त ढंग से प्राप्त कर सकें।

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