PM Modi SCO 2022 Speech: पीएम मोदी ने भारत को व्यापार के लिए बताया ‘पॉवर हाउस’, जानें स्पीच की प्रमुख बातें

पीएम मोदी आज उज्बेकिस्तान में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में अपना संबोधन देते हुए सभी सदस्यों से ये अपील कर रहें हैं कि वे एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए रास्ता दें। व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे कारोबार और संपर्क को बढ़ा सकते हैं। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन (Startups and Innovation) पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।’
पीएम मोदी ने संबोधन को दौरान कही ये बातें
पीएम मोदी ने SCO समिट में संबोधन को दौरान कहा कि ‘हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम प्रति क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।’
आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, SCO की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। SCO के सदस्य देश वैश्विक GDP में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं, और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है।
SCO के शिखर सम्मलेन में पीएम मोदी ने क्षेत्रीय सुरक्षा की,कि बैतें
SCO को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, रेसिलिएंट और विविध सप्लाई चेन्स विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को ट्रांसिट का पूरा अधिकार दें।हम भारत को एक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स हमें स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्द्धी बनाता है। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक होगी।
भाषण के दौरान पीएम मोदी ने किया चुनौतियों का भी जिक्र
विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है – और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना। इस समस्या का एक संभावित समाधान है माइल्ट्स की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना। Millets एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ SCO देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है, और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है। वर्ष 2023 को UN International Year of Millets के रूप में मनाया जाएगा। हमें SCO के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए।
SCO देशों को ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए- पीएम मोदी
भारत आज विश्व में चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए सबसे किफायती गंतव्यों में से एक है। अप्रैल 2022 में गुजरात में WHO Global Centre for Traditional Medicine का उद्घाटन किया गया। पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह WHO का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा। हमें SCO देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसके लिए भारत एक नए पारंपरिक चिकित्सा पर एससीओ वर्किंग ग्रुप पर पहल लेगा।