Parliament Security Breach: लोकसभा से निलंबित होने के बाद क्या बोले फारूक अब्दुल्ला

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Parliament Security Lapse: निलंबन होने की प्रक्रिया में मंगलवार को लोकसभा से 49 और सांसद निलंबित कर दिए गए हैं. इनमें जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर, मनीष तिवारी शामिल हैं.

संसद सुरक्षा लोकसभा का विशेषाधिकार- सरकार का तर्क

लोकसभा से निलंबन के बाद फ़ारूक़ अब्दुल्ला से पूछा गया कि सरकार का तर्क है कि संसद की सुरक्षा लोकसभा के अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और गृहमंत्री को इस पर बयान देने की ज़रूरत नहीं, फिर विपक्ष क्यों अड़ा है?

पुलिस गृह मंत्रालय के अंतर्गत ही आती है

इस पर अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे बताइए कि पुलिस किसके पास है, गृह मंत्रालय के ही अंतर्गत आती है. क्या हो जाता अगर गृह मंत्री पांच मिनट के लिए सदन में आ कर बोल देते कि जनाब चूक हुई है और मामले की जांच हो रही है.”

Parliament Security: संसद में विपक्ष के आखिरी सदस्य तक जारी रहेगी मांग

उन्होंने कहा, “जब तक सदन में विपक्ष का एक भी आदमी रहेगा तब तक ये मांग जारी रहेगी.” सोमवार को रिकॉर्ड 78 सांसदों का निलंबन हुआ था. बीते दो दिनों में कुल 127 सांसद संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए जा चुके हैं. अब तक शीत्र में कुल 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है.

विपक्ष मोदी सरकार पर तानाशाही के आरोप लगा रहा है. ये निलंबन ऐसे समय हुआ है जब सदन में कुछ अहम बिल पेश होने वाले हैं.

Parliament Security: संसद परिसर में घुसे थे कुछ युवा

संसद हमले की 22वीं बरसी के दिन संसद में 6 युवाओं ने सरकार के खिलाफ संसद में घुसकर सरकार के खिलाफ कुछ रंगों के धुंए स्प्रे किए थे. जिनमें से दो लोगों ने सदन के अंदर घुसकर विज़िटर गैलरी से सांसदों के कक्ष में कूद गए थे वहीं दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए नीले रंग स्प्रे किया था.

संसद में सुरक्षा की इस चूक के बाद से ही विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांग रहा है. जिसपर सरकार ने तर्क दिया है कि इससे गृह मंत्रालय का कोई लेना देना नहीं है.

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