भारतीय नौसेना चीन के समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार, 2035 तक अपनी शक्तियों को मजबूत करने की योजना

भारतीय नौसेना चीन के समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है और उसने 2035 तक अपनी शक्तियों को मजबूत करने की योजना बनाई है। भारतीय नौसेना ने 68 युद्धपोत और जहाजों के ऑर्डर दिये हैं, जिनकी कुल कीमत 2 लाख करोड़ रुपये है। भारत अपनी नौसेना को मजबूत बनाने का लक्ष्य रख रहा है, ताकि वह हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पहुंच को मजबूत कर सके।
इसके साथ ही भारतीय नौसेना को 143 विमानों, 130 हेलिकॉप्टरों और 132 युद्धपोतों की खरीदी की अनुमति मिली है। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने 8 अगली पीढ़ी की कार्वेट, 9 पनडुब्बी, 5 सर्वे जहाज, और 2 बहुउद्देश्यीय जहाजों के निर्माण के लिए मंजूरी दी है। ये जहाज आने वाले सालों में तैयार किए जाएंगे।
2030 तक नौसेना को 155 से 160 युद्धपोतों से लैस करना
भारतीय नौसेना को बजट की कमी, डिकमीशनिंग, और भारतीय शिपयार्ड की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उसका उद्देश्य 2030 तक नौसेना को 155 से 160 युद्धपोतों से लैस करना है।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है कि वह अपनी नौसेना को मजबूत बनाए क्योंकि चीन भी तेजी से अपनी समुद्री ताकतों को बढ़ा रहा है और अपनी पूंजीकरण चेतावनियों का सामना कर रहा है। चीन ने हाल में युद्धपोतों की संख्या को बढ़ाया है और उसका मकसद है 2035 तक अपनी नौसेना में कम से कम 555 युद्धपोतों को शामिल करना। इसके साथ ही भारत, चीन के समुद्री चुनौतियों का जवाब देने के लिए अपने विमान, हेलिकॉप्टर, और ड्रोन्स की संख्या को भी बढ़ाने का प्लान है।
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