
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 10 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका के लिए किसान संगठनों को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दे दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि हर किसी को आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को जाम करने का नहीं।
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसानों को अदालत ने मामने की सुनवाई के दौरान कहा, उन्हें प्रदर्शन का पूर्ण अधिकार है, लेकिन साथ ही न्यायालय ने साफ किया कि अनिश्तिकाल तक सड़कें ब्लॉक करने का हक किसी को भी नहीं है।
कोर्ट ने कहा, “आख़िर में कोई तो हल निकालना होगा। हांलाकि केंद्रीय क़ानूनों के ख़िलाफ़ याचिका लंबित है, हम किसानों के विरोध करने के अधिकार के ख़िलाफ़ नहीं हैं। लेकिन सड़कों को ब्लॉक नहीं किया जा सकता।“
अदालत मोनिका अग्रवाल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीमाओं पर बैठे किसानों को हटाने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहा, किसानों को प्रदर्शन करने का हक है, किन अनिश्चितकाल के लिए सड़क रोकने का नहीं।”
अदालत में किसान यूनियन ने कहा, रास्ता पुलिस ने रोका है किसानों ने नहीं।
मामले की अगली सुनवाई दिसंबर मे होगी।