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रक्षा मंत्रालय: भारत अमेरिका में खूफिया जानकारी साझा करने का करार,मूर्त रूप देने के लिए डीएसए का गठन

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नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के रक्षा उद्योगों के बीच एक साझेदारी हुई है, जिसके तहत दोनों देशों के संयंत्र आपस में खूफिया और अन्य सुरक्षा संबंधी जानकारियां साझा करेंगे। इसके अलावा शीघ्र ही भारत-अमेरिका औद्योगिक सुरक्षा संयुक्त कार्यबल बनाया जाएगा, जो इस साझेदारी के नियमों और प्रोटोकॉल की देख-रेख करेगा।

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रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और उसे बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह समूह रक्षा तकनीक की साझेदारी के लिए दूरगामी योजना के लिए भी सार्थक सिद्ध होगा। यह कार्य एक निश्चित समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। मंत्रालय ने ये भी बताया कि इसे मूर्त रूप देने के लिए दोनों देशों ने डिजिग्नेटेड सिक्योरिटी अथॉरिटी (डीएसए) का गठन किया है। भारत की ओर से अनुराग वाजपेयी और अमेरिका की ओर से डेविड पॉल बगनाती इस साझेदारी का नेतृत्व कर रहे हैं।

बलू प्रिंट किया गया तैयार

2019 में दोनों देशों के बीच औद्योगिक सुरक्षा समझौता (आईएसए) के तहत हस्ताक्षर हुए थे, जिसे अब आगे बढ़ाया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, डीएसए ने दोनों देशों के रक्षा उद्योग का गहन दौरा कर पूरी योजना का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है।

भारत-अमेरिका ने की क्षेत्रीय सुरक्षा के संबंध में आपसी बातचीत

इसके अलावा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन से प्राप्त जानकारी के अनुसार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरूवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जनरल मार्क माइले से मुलाकात की। दोनों ने राजनीतिक नेतृत्व के प्रधान के सैन्य सलाहकार के तौर पर अपनी-अपनी भूमिकाओं और क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर बात की।

जनरल मायर और उनकी पत्नी ने जनरल रावत का किया स्वागत

अमेरिका के ज्वाइंट स्टाफ के प्रवक्ता कर्नल डेव बटलर ने बताया कि दोनों सीडीएस ने प्रशिक्षण अभ्यासों में सहयोग जारी रखने के साथ सेनाओं के आपस में साथ-मिलकर काम करने के अवसरों को और अधिक उत्पन्न करने पर सहमति जताई है। उन्होंने बताया कि जनरल माइले और उनकी पत्नी ने ज्वाइंट बेस मायर-हेंडरसन हॉल में सशस्त्र बलों के पूर्ण सम्मान आगमन समारोह में जनरल रावत का स्वागत किया।

जनरल माइले ने जनरल रावत को अमेरिका और भारत की साझेदारी की मजबूती में अहम योगदान और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। जनरल रावत ने अपनी यात्रा के तहत अज्ञात शहीदों की समाधि पर माल्यार्पण किया।

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