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गांव की महिलाओं का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक: PM मोदी

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नई दिल्ली: पीएम मोदी ने कहा कि बहुत कम लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि इन लोगों को हर दिन किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है। आखिर पानी क्यों नहीं इन लोगों तक पहुचंता है। जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति निर्धारण की जिम्मेदारी थी उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था लेकिन ये सवाल नहीं पूछा गया।

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जानें प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी बातें…

  • आज देश के शहर और गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं। करीब 2 लाख गांवों ने अपने यहां कचरा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है। 40 हजार से ज़्यादा ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है। खादी की बिक्री भी कई गुना ज़्यादा हो रही है: पीएम
  • राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के पांच वर्षों में जितनी मदद सरकार ने बहनों के लिए भेजी, बीते सात वर्षों में उसमें लगभग 13 गुना बढ़ोतरी की गई है। लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपये का ऋण भी स्वयं सहायता समूह की माताओं-बहनों को उपलब्ध कराया गया है।
  • भारत का विकास गांवों के विकास पर ही निर्भर है। गांव में रहने वाले लोगों,युवाओं, किसानों के साथ सरकार ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है, जो गांवों को और अधिक सशक्त बनाए। गांव के लोगों को गांव में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए 1.5 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं।
  • लेकिन बहुत कम ही लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है, आखिर क्यों नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता? मैं समझता हूं, जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था।
  • हमने बहुत सी ऐसी फिल्में देखी हैं, कहानियां पढ़ी हैं, कविताएं पढ़ी हैं जिनमें विस्तार से ये बताया जाता है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं। कुछ लोगों के मन में, गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है।

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