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गैर-भाजपा राज्‍यों को परेशान कर रहा केंद्र : एम के स्टालिन

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Tamil Nadu: शीर्ष न्यायालय के सख्‍त रुख अपनाये जाने के बाद भी तमिलनाडु के राज्‍यपाल आर. एन. रवि की तरफ से लंबित दस विधेयकों को बिना मंजूरी दिए डीएमके सरकार को वापस लौटा दिया गया था। इन सभी दस विधेयकों को विधानसभा के विशेष सत्र में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। इस दौरान, सीएम स्टालिन ने आरोप लगाया कि गैर-बीजेपी शासित राज्यों को राज्यपालों के जरिए केंद्र सरकार की तरफ से जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से डीएमके सरकार और वहां के राज्यपाल के बीच टकराव चल रहा है।

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स्‍टालिन सरकार की ओर से दस विधेयकों को दी गई मंजूरी

इनको पूर्वरूप में लाने के लिए सीएम एमके स्‍टालिन  की ओर से सदन में एक प्रस्‍ताव भी पेश किया गया। क्‍योंकि इन्‍हें वापस लौटाने के कोई कारण राज्‍यपाल की तरफ से सरकार को नहीं बताये गए थे। स्‍टालिन सरकार की ओर से जिन दस विधेयकों को फिर से मंजूरी दी गई है। उनमें से 2-2 विधेयक क्रमश: 2020 और 2023 में सदन में पारित किए गए थे। वहीं बाकी 6 अन्य बिलों को पिछले साल सदन में मंजूरी दी गई थी।

तमि‍लनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था

सदन से पारित होने के बाद इनको मंजूरी के लिए राज्‍यपाल के पास भेजा गया था। इसके बाद से यह सभी विधेयक बिना किसी कारण के लंबित पड़े हुए थे। इसको लेकर तमि‍लनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इनमें राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को चांसलर के पद पर पदोन्नत करके राज्यपाल की शक्तियों में कटौती करने वाला भी एक विधेयक भी शामिल है।

सहमति न देना अलोकतांत्रिक और जनविरोधी

स्टालिन ने राज्‍यपाल रवि पर तीखा हमला करते हुए विधानसभा में कहा कि बिना किसी वजह के सहमति रोकना अस्वीकार्य है। अपनी व्यक्तिगत सनक और पसंद के कारण इन सभी बिलों को वापस लौटाया गया था। इनको सहमति न देना अलोकतांत्रिक और जनविरोधी है। उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा में विधेयक दोबारा पारित किया जाता है और राज्यपाल के पास भेजा जाता है तो वह सहमति नहीं रोक सकते।

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