
MVAG 2025 : सरकार द्वारा “मोटर यान एग्रीगेटर दिशा निर्देश 2025” ( MVAG 2025 ) जारी कर दिया गया है. इसके तहत अब सभी एग्रीगेटरों का लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैकिंग डिवाइस, पैनिक बटन, लाइव लोकेशन व 24×7 कॉल सेंटर को अनिवार्य कर दिया गया है. कैब ड्राइवरों को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा और 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें 40 घंटों का प्रशिक्षण देना भी अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य सरकारों को इन नियमों को तीन महीने के अंदर लागू करना है.
कौन होते हैं एग्रीगेटर
एग्रीगेटर उन कंपनियों को कहा जाता है जो ऐप के जरिए अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं. ओला, उबर, रैपिडो जैसी कंपनियां एग्रीगेटर के रुप में कार्य करती हैं. इन एग्रीगेटरों को राज्य सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है. लाइसेंस 5 सालों के लिए मान्य रहेगा. लाइसेंस न होने पर परिवहन विभाग इन पर जुर्माना लगा सकेंगे.
कैब ड्राइवरों को मिलेगा स्वास्थ्य और जीवन बीमा
कैब ड्राइवरों की स्थिति सुधारने के लिए एग्रीगेटरों पर नई जिम्मेदारियां डाली गई हैं. प्रत्येक कैब ड्राइवर को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपए का जीवन बीमा अनिवार्य रुप से दिया जाएगा. ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन किया जाएगा. ड्राइवर ने पिछले तीन सालों में कोई गंभीर अपराध न किया हो. एक ड्राइवर कई अन्य ऐप पर काम कर सकेगा.
गाड़ियों में पैनिक बटन देना अनिवार्य
गाड़ियों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए एआईएस-140 मानक वाला ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन जरूरी किया गया है. कैब ड्राइवर की सत्यापित फोटो और उसकी जानकारी को ऐप पर दिखाना अनिवार्य किया गया है. हर एग्रीगेटर को 24X7 कॉल सेंटर बनाना होगा.
दोगुना किराया ले सकेंगे एग्रीगेटर
किराए की दरों को राज्य सरकार द्वारा तय किया जाएगा. एग्रीगेटर 50 प्रतिशत तक कम और 2 गुना तक अधिक किराया ले सकेंगे. ड्राइवर की स्वयं की गाड़ी होने पर किराए का 80 फीसदी हिस्सा ड्राइवर को देना होगा. एग्रीगेटर की गाड़ी होने पर ड्राइवर को किराए का 60 फीसदी देना अनिवार्य होगा. ड्राइवरों को रोजाना, साप्ताहिक या पखवाड़े में भुगतान करना होगा. किसी भी प्रकार के छुपे चार्ज पर कार्रवाई की जाएगी.
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