विदेश

कतर की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसैनिकों की सज़ा हुई कम, विदेश मंत्रालय का बयान

MEA on Qatar Sentence on Ex Naval Officers: कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की सज़ा-ए-मौत को भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद कतर की अदालत ने कम कर दिया है.

मंत्रालय का बयान

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “दहरा ग्लोबल केस मामले में आज कतर की अदालत का आदेश आया है, जिसमें पूर्व नौसेनिकों की सज़ा को कम कर दिया गया है. हमें पूरे आदेश का इंतज़ार है. क़तर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी सज़ा पाए लोगों के परिजनों के साथ आज अदालत में मौजूद थे.”

MEA on Qatar Sentence: कांसुलर और कानूनी मदद पहुंचा रहे हैं

बयान के अनुसार, “शुरू से ही हम उन लोगों के साथ खड़े हैं और हम उन्हें कांसुलर और क़ानूनी मदद पहुंचा रहे हैं. हम इस मामले को क़तरी प्रशासन के साथ भी उठाएंगे.”

क्या है पूरा मामला

पिछले साल सितंबर 2022 में क़तर सरकार ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ़्तार किया था. मार्च में इन सभी पर जासूसी के आरोप तय किए गए थे. गिरफ़्तार किए गए आठों भारतीय नागरिक नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और क़तर की ज़ाहिरा अल आलमी नाम की कंपनी का साथ काम करते थे.

कतर की नौसेना के लिए करती है ये कंपनी काम

ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में क़तर की नौसेना के लिए काम कर रही थी. इस प्रोग्राम का मक़सद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था.

कंपनी में 75 भारतीय नागरिक कर्मचारी थे. इनमें से ज्यादातर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे. मई में कंपनी ने कहा था कि वो 31 मई 2022 से कंपनी बंद करने जा रही है. जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार आठ कर्मचारियों को पहले ही बर्ख़ास्त कर वेतन का हिसाब-किताब भी कर दिया गया था.

मई 2023 तक देश छोड़ने के दिए थे निर्देश

बीते मई में क़तर ने कंपनी को बंद करने का आदेश दिया और इसके लगभग 70 कर्मचारियों को मई 2023 के अंत तक देश छोड़ने का निर्देश दिया.

भारतीय मीडिया और अन्य ग्लोबल मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, इन पूर्व नौसैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अति उन्नत इतालवी पनडुब्बी को ख़रीदने से संबंधित क़तर के ख़ुफ़िया कार्यक्रम के बारे में इजरायल को जानकारी दी थी. यानी इन नौसैनिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप भी लगाए गए हैं.

Related Articles

Back to top button